किसान भाइयों अगर आपके खेत में तेंदुआ या अन्य कोई इस तरह के जंगली खतरनाक जानवर आते हैं तो चलिए आपको एक जुगाड़ बताते हैं-
तेंदुआ जैसे खतरनाक जानवरों से किसान परेशान
तेंदुआ जैसे खतरनाक जानवरों से देश के कई राज्यों के किसान परेशान है। खासकर वह किसान जो की जंगल के आसपास खेती करते हैं, तो उनके खेतों में तेंदुआ या अन्य कोई जंगली जानवर आ जाते हैं। यह जानवर बेहद खतरनाक होते हैं। यह इंसानों से डरते नहीं है। बल्कि उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। इसलिए किसान इनको भगाने के लिए खुद खेतों में नहीं जा पाते हैं। ऐसे में किसानों को यहां पर एक जुगाड़ बताने जा रहे हैं। दरअसल, नासिक जिले के पर Fratelli फार्म में इस जुगाड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है, और इससे इस तरह के खतरनाक जानवर हमेशा के लिए कैद में आ जाते हैं।
खेतों में रखें यह पिंजरा
आपको बता दे कि अंगूर की खेती करने वाले एक किसान ने अपने खेत में यह पिंजरा लगाया है। जिसमें वह खतरनाक जंगली जानवरों को कैद कर लेते हैं, और फिर वन विभाग उन्हें अपने यहां ले जाते हैं। दरअसल यह लोहे का बना एक पिंजरा होता है जैसा कि आप नीचे लगी तस्वीरों में देख पा रहे होंगे। इसमें अंदर एक प्लेट होता है, जिस पर अगर तेंदुआ या अन्य कोई जंगली जानवर पैर रखता है तो यह पिंजरा अपने आप बंद हो जाता है। इस पिंजरे के अंदर जंगली जानवरों को आकर्षित करने के लिए पिंजरे के पीछे हिस्से में उनके लिए चारा रखा जाता है। जिसको खाने के चक्कर में वह अंदर घुसते हैं।
लेकिन जैसे ही पिंजरे के अंदर जाते हैं और आगे बढ़ते हैं तो पिंजरा बंद हो जाता है। जिसके बाद यह खुलता नहीं है। यह मजबूत पिजरा होता है। अगर किसान इन खतरनाक जानवरों से परेशान है तो इस पिंजरे को अपने खेत में लगा सकते हैं। फिर वन विभाग को संपर्क करके उन्हें यह खतरनाक जानवर सौंप सकते हैं।

अन्य देसी जुगाड़
तेंदुआ या अन्य जंगली जानवरों को खेतों से दूर रखने के लिए किसान खेतों के किनारे पर कांटेदार बाड़ा लगा सकते हैं। इसके अलावा नीम की पत्ती, गोमूत्र आदि का छिड़काव करके, तेज दुर्गंध से उन्हें खेतों से दूर रख सकते हैं। साथ ही किसानों को अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह सब जानवर खतरनाक होते हैं। जिसमें जब यह जानवर खेत के आसपास नहीं होते तो लहसुन और छाछ को एक साथ मिलाकर खेतों के किनारे छिड़क सकते हैं। जिसमें लहसुन को पीस कर छिड़का जाता है। इसके अलावा सरसों की खली पानी में मिलाकर फसल के आसपास छिड़का जाता है। सरसों की खली की गंध तेज होती है। जिससे जानवर दूर रहते है।
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