सोयाबीन की ये किस्म न केवल ज्यादा उत्पादन देने के लिए जानी जाती है बल्कि उच्च गुणवत्ता के कारण मार्केट में काफी ज्यादा डिमांडिंग होती है।
बंपर उत्पादन देगी सोयाबीन की ये किस्म
सोयाबीन की ये किस्म की खेती किसानों के लिए अधिक मुनाफे का सौदा साबित होती है क्योकि इसमें उच्च प्रोटीन और गुणवत्ता होती है इसलिए लोग इसको खरीदना ज्यादा पसंद करते है इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की चीजों में खूब होता है। इसकी खासियत तय है की ये किस्म गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीटों के प्रतिरोधी होती है। इसकी खेती में अन्य किस्मों की तुलना में कम पानी और उर्वरक की आवश्यकता होती है। इसका मोटा तना और जमीन से ऊपर फली सम्मिलन इसे यांत्रिक कटाई के लिए उपयुक्त बनाते है। हम बात कर रहे है सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की खेती की ये सोयाबीन की एक उच्च उपज देने वाली और कीट-प्रतिरोधी किस्म है।

सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म
सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की खेती करने के लिए उचित जल निकासी वाली, उपजाऊ, हल्की दोमट मिट्टी सबसे आदर्श होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसकी बुआई से पहले मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए 2-3 बार जुताई करना चाहिए और खेत को समतल करना चाहिए ताकि पानी जमा न हो सके। मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालना चाहिए। बुआई के बाद सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की फसल करीब 100 से 105 दिनों में तैयार हो जाती है।
उत्पादन क्षमता
अगर आप सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत ज्यादा बंपर उत्पादन देखने को मिलेगा एक हेक्टेयर में सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की खेती करने से करीब 39 से 40 क्विंटल से ज्यादा का उत्पादन प्राप्त होता है। इसके बीजों में 19.81% तेल और 41% उच्च प्रोटीन होता है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए का मुनाफा कमा सकते है। सोयाबीन की एमएसीएस 1407 किस्म की खेती सबसे ज्यादा फायदे वाली होती है।