कमाई के मामले में सबका बाप निकला ये दाना, इसकी खेती ATM को कड़क नोटों से लबालब भर देगी थोड़ी लागत में होगा छप्परफाड़ मुनाफा, जाने फसल का नाम।
कमाई में सबका बाप निकला ये दाना
इस फसल की खेती बहुत ज्यादा लाभ की सिद्ध होती है इसकी खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। ये दाना सेहत के लिए अंडे से भी कई गुना ज्यादा फ़ायदेमदं साबित होता है इसमें प्रोटीन का स्रोत बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है जिससे लोग इसको खाना बहुत पसंद करते है इसलिए इस दाने की बाजार में बहुत भारी मात्रा में डिमांड होती है। आप इसकी खेती से बहुत पैसा कमा सकते है क्योकि इसकी खेती में लागत भी ज्यादा नहीं आती है। हम बात कर रहे है मूंग की खेती की मूंग की खेती बहुत फायदे की होती है तो चलिए जानते है मूंग की खेती कैसे होती है।
कैसे करें खेती
इस फसल की खेती के लिए पहले आपको इसकी खेती कैसे की जाती है ये समझना बहुत ज्यादा जरूरी है। जिससे आपको इसकी खेती करने कोई परेशानी नहीं होगी। इस फसल की खेती के लिए खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए। मूंग की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट से लेकर बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है इस मिट्टी का पीएच मान 7.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसके पौधे बीज द्वारा लगाए जाते है। मूंग की बुवाई 35 से 40 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में करनी चाहिए और पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए। बीज को 4-5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना सही होता है। इसकी खेती में अच्छी जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इस फ़सल की कटाई जब फलियां काली पड़ने लगें और पौधा सूख जाए, तब करनी चाहिए। इसकी फसल 65 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
इस फसल की खेती से बहुत ज्यादा शानदार और छप्परफाड़ कमाई होती है। क्योकि इसकी बाजार में बहुत डिमांड होती है जिससे इसकी बिक्री बहुत अधिक मात्रा में होती है। एक एकड़ में मूंग की खेती से 15 से 17 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है। आप इसकी खेती से कम से कम 90 हजार से 1 लाख रूपए की शुद्ध कमाई कर सकते है।
कितनी आएगी लागत
अगर आप इस फसल की खेती करते है तो आपको इसकी खेती में बहुत ही कम लागत आएगी। एक एकड़ में इस फसल की खेती करने के लिए कम से कम 20 से 22 हजार रूपए की लागत आ सकती है इसकी खेती में कुछ चीजों का खर्चा होता है जैसे….
- बीज का खर्चा
- खाद का खर्चा
- सिंचाई का खर्चा
- जुताई का खर्चा
- मजदूरों की मजदूरी का खर्चा
- देखभाल का खर्चा