मीठा स्वाद और अधिक उत्पादन देने वाला यह फल किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, देता है धांसू पैसा। एप्पल बेर एक उन्नत किस्म का बेर है, जिसे विशेष रूप से इसकी बड़े आकार, मीठे स्वाद और अधिक उत्पादन के लिए विकसित किया गया है। यह मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में उगाया जाता है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से बताते है।
एप्पल बेर जलवायु और मिट्टी
एप्पल बेर के लिए गर्म और शुष्क जलवायु इसके लिए अनुकूल होती है। बलुई दोमट और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है। पीएच मान लगभग 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
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एप्पल बेर की खेती कैसे करे
रोपाई का सही समय जून-जुलाई या फरवरी-मार्च में होता है। एप्पल बेर के पौधों की दूरी लगभग 5×5 मीटर होनी चाहिए। गड्ढों में गोबर खाद और उर्वरक मिलाकर पौधे लगाएं। फूल और फल बनने के समय जैविक खाद का उपयोग करें। गर्मी में 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
सर्दियों में 25-30 दिन के अंतराल पर पानी दें। ड्रिप सिंचाई प्रणाली सबसे बेहतर रहती है। पौधे 1-2 साल में फल देना शुरू कर देते हैं। जनवरी-मार्च में फल तैयार हो जाते हैं। एप्पल बेर के प्रति पौधा 20-50 किग्रा तक उत्पादन हो सकता है।
एप्पल बेर से कमाई
एप्पल बेर की मार्केट में तगड़ी बिक्री होती है। एप्पल बेर का ताजा फल ₹50-₹150 प्रति किलो बिक सकता है। एप्पल बेर की खेती से एक एकड़ में ₹3-₹5 लाख तक की कमाई हो सकती है।
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