DAP खाद के लिए किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार ने इसकी व्यवस्था कर दी है। किसानों को अपनी फसल के उत्पादन में कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा-
डीएपी खाद की समस्या हल हुई
फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसान DAP खाद का इस्तेमाल लंबे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन इस समय डीएपी खाद की आपूर्ति सही मात्रा में किसानों को नहीं हो पा रही है। कई राज्यों में डीएपी खाद की कमी देखी जा रही है। किसान को जितनी आवश्यकता है उसके अनुसार उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है।
लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने डीएपी की कीमत की समस्या को दूर करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। जिससे अब किसानों को अपने फसल से अच्छा उत्पादन मिलेगा। डीएपी की कमी पूरी हो जाएगी, तो चलिए आपको बताते हैं कि राज्य सरकार ने क्या इंतजाम किए हैं।
DAP खाद के जगह इस खाद से होगा काम
दरअसल, यहां पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की बात की जा रही है। वहां पर भी डीएपी की समस्या आ रही है। इसीलिए सरकार ने डीएपी खाद के बदले एनपीके और एसएसपी खाद के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। आपको बता दे कि कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसान भाई डीएपी खाद की जगह पर एनपीके और एसएसपी खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फसलों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है तो यह सभी चीज इन खादो से भी पूरी हो सकती है। फसल से उतना ही उत्पादन मिलेगा, किसी तरह का फर्क नहीं देखने को मिलेगा।
जिसमें छत्तीसगढ़ में एनपीके 4.90 लाख मेट्रिक टन बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा एसएसपी के वितरण का लक्ष्य लगभग 3.53 लाख मेट्रिक टन रखा गया है। जिससे डीएपी के बदले यह खाद किसानों को सही मात्रा में मिल सके।
अन्य रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य जाने
इन सबके अलावा बात करें अन्य मुख्य खाद की जैसे कि यूरिया, डीएपी, एमओपी की तो छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख में रासायनिक उर्वरक वितरण लक्ष्य को बढ़ाकर के 17.5 लाख में मेट्रिक टन कर दिया गया है। जिसमें डीएपी 1.03 लाख मैट्रिक टन है, यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन है। इसके अलावा एम ओ पी 60,000 मेट्रिक टन है। जिससे किसानों की बड़ी समस्या का हल हो गया है।