इस सब्जी की खेती पूरे साल में कभी भी की जा सकती है इसकी खेती में लागत नाम मात्र लगती है और कमाई दिन दूनी रात चौगुनी होती है। तो आइये इसकी खेती के बारे में जानते है।
किसानों के लिए अधिक प्रॉफिट वाली है ये फसल
बैंगन की खेती बहुत लाभदायक और उच्च व्यवसाय की तरह साबित होती है। इसलिए इसकी खेती के समय उचित उन्नत रोग प्रतिरोधक किस्म का चयन करना चाहिए। बैंगन की ये वैरायटी न केवल ज्यादा उत्पादन देती है बल्कि इसकी मांग बाजार में बहुत होती है इसके फल चमकदार और कम बीज वाले होते है जो मार्केट में जल्दी बिक जाते है ये वैरायटी जीवाणु विल्ट के प्रतिरोधी है जिसका तात्पर्य है की ये बीमारी इस किस्म को आसानी से नहीं लगती है। इसके फल गुच्छों में लगते है जिससे पैदावार अधिक होती है। हम बात कर रहे है बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की खेती की ये एक उन्नत किस्म है जो गुच्छों में फल देती है।

बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी
बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की खेती के लिए अच्छी जल धारण क्षमता वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए मिट्टी में गोबर की खाद डालना चाहिए। जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। इसके पौधों को पहले नर्सरी में तैयार किया जाता है फिर जब पौधे 15-20 सेंटीमीटर के हो जाएं तब उन्हें खेत में रोपाई कर देना चाहिए। पौधों को पंक्ति में लगाना चाहिए। रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करना चाहिए। इसकी खेती में जैविक कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए। बुवाई के बाद बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की फसल पहली तुड़ाई के लिए करीब 65 दिनों में तैयार हो जाती है।
उत्पादन क्षमता
बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की उत्पादन क्षमता बहुत अधिक होती है इस किस्म के फल मध्यम आकार के गोल और गहरे बैंगनी रंग के होते है। एक हेक्टेयर में बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की खेती करने से लगभग 400-450 क्विंटल तक उपज मिलती है। अगर इसे आप 10 रूपए किलो के हिसाब से बेचेंगे तो करीब 4 से 4.5 लाख रूपए तक की कमाई हो सकती है। बैंगन की पूसा श्यामल वैरायटी की खेती बहुत अच्छी साबित होती है।