इस बीज की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है क्योकि मकर संक्रांति के पर्व पर इस बीज की मांग बाजार में खूब अधिक मात्रा में होती है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन से बीज की खेती है।
400 रूपए किलो बिकता है ये काला बीज
इस फसल की खेती बहुत फायदेमंद होती है इसकी खेती से किसान बहुत शानदार कमाई कर सकते है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति के त्यौहार पर इसके लड्डू का बहुत खास महत्व होता है इसके लड्डू के बिना ये त्यौहार अधूरा सा होता है। इसलिए इसकी डिमांड बाजार में जनवरी के महीने में खूब अधिक मात्रा में होती है। ये बीज सर्दियों के मौसम में सेहत के लिए भी बहुत गुणकारी साबित होते है। इसके बीज से निकला तेल भी मार्केट में बहुत बिकता है। हम बात कर रहे है काले तिल की खेती की तो चलिए जानते है इसकी खेती कैसे की जाती है।

काले तिल की खेती
काले तिल की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी मानी जाती है काले तिल की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चुनाव करना चाहिए। इसकी खेती के लिए पहले खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुआई से पहले बीजों का उपचार करना चाहिए बुआई के समय कतारों में पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी रखना चाहिए। इसकी खेती में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। बुआई के बाद इसकी फसल करीब 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
काले तिल की खेती से बहुत जबरदस्त कमाई होती है क्योकि इसकी मांग बाजार में बहुत ज्यादा होती है बाजार में काले तिल का भाव करीब 400 से 450 रूपए प्रति किलो तक होता है एक एकड़ में काले तिल की खेती करने से करीब 700-800 किलोग्राम तिल की पैदावार मिल सकती है इसकी खेती से एक एकड़ में करीब 3 से 3.5 लाख रूपए की कमाई हो सकती है। काले तिल की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है। इसकी खेती जरूर करनी चाहिए।