प्रति हेक्टेयर 10 से 15 लाख रूपए की कमाई करके देगा यह जबरदस्त फल, जाने इसका नाम। छुहारा, जिसे सूखा खजूर भी कहा जाता है, खजूर के फलों को सुखाकर बनाया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से बताते है।
छुहारे की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
छुहारे की गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी पैदावार होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्र उपयुक्त हैं। फसल को परिपक्व होने के लिए शुष्क मौसम की जरूरत होती है। अच्छी जलनिकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। pH मान लगभग 6.5-8.5 के बीच होना चाहिए। लवणीय और क्षारीय मिट्टी में भी खेती हो सकती है, लेकिन जैविक संशोधन की जरूरत होगी।
यह भी पढ़े: आज की प्रमुख कृषि मंडियों में सरसों का भाव, लाइव अपडेट
छुहारे की खेती कैसे करें
रोपण का सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त या फरवरी-मार्च होता है। ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह सालभर संभव है। छुहारे की कतार से कतार की दूरी लगभग 6-8 मीटर होनी चाहिए। छुहारे के पौधे से पौधे की दूरी लगभग 5-6 मीटर होनी चाहिए। रोपाई से पहले गड्ढे को जैविक खाद से भरें। पहले 3 साल तक नियमित सिंचाई जरूरी है। गर्मियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। ड्रिप सिंचाई पद्धति सर्वोत्तम होती है।
मानसून में जलभराव से बचाव जरूरी है। खाद को तीन बराबर हिस्सों में विभाजित कर, फरवरी, जून और सितंबर में दें। जिंक, मैग्नीशियम और आयरन का स्प्रे आवश्यक है। खजूर की कटाई सितंबर-नवंबर में की जाती है। छुहारा बनाने के लिए फलों को धूप में 15-20 दिन तक सुखाया जाता है। सुखाने के बाद फलों को भंडारण के लिए 0-5°C तापमान पर रखा जाता है।
छुहारे से कमाई
छुहारे के एक पेड़ से 50-150 किलोग्राम खजूर मिल सकता है। छुहारे का बाजार मूल्य 200-800 रुपये प्रति किलो तक हो सकता है। प्रति हेक्टेयर 10-15 लाख रुपये की कमाई संभव है।
यह भी पढ़े: ग्वार का आज का बाजार भाव, जानिए ग्वार सीड और ग्वार गम के लाइव रेट