आम की खेती करने वाले किसान आम की गुणवत्ता बढ़ाने और अच्छी कीमत पाने के लिए रंग-बिरंगे बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो चलिए आपको इस बैग के बारे में बताते हैं।
आम की खेती
आम की खेती से अच्छी कमाई हो सकती है, इस समय आम का सीजन चल रहा है, कुछ किसानों के आम पक चुके हैं, तो कुछ किसानों के पेड़ो में अभी भी कच्चे आम हैं, जिन्होंने आम की तुड़ाई नहीं की है। आम की खेती में किसानों को अच्छी कमाई तभी होती है, जब आम की गुणवत्ता अच्छी हो, आम टूटा हुआ ना हो, धूप या बारिश की वजह से खराब ना हो, उसमें कीड़ों का हमला न हुआ हो, नहीं तो वह बिक नहीं पाएगा। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
लेकिन अगर आम की खेती करने वाले किसान एक खास तरह के रंग-बिरंगे बैग का इस्तेमाल करते हैं, तो उनके आम की गुणवत्ता बढ़ जाएगी, तो चलिए आपको इस बैग के बारे में बताते हैं।

आम में लगाते हैं ये रंग-बिरंगे बैग
आम की खेती करने वाले कई किसान आम के पेड़ों के सभी फलों में रंग-बिरंगे बैग लगाते हैं। जिससे फल की गुणवत्ता बेहतरीन होती है। आम के अलावा अमरूद और दूसरे फल उगाने वाले किसान भी ऐसा करते हैं। जिसमें आज बात कर रहे हैं सहारनपुर के किसानों की जो चौंसा, लंगड़ा जैसे कई बेहतरीन किस्म के आम उगाते हैं। वे वहां मेट्रो एग्रो कंपनी के बैग का इस्तेमाल करते हैं। यह कंपनी देशभर में आमों को सुरक्षित रखने के लिए बैग बनाती है और आम पैक करती है। वह बताते हैं कि अगर इन रंग-बिरंगे बैगो के अंदर आमों को रखा जाए तो आमों को बारिश, कीड़ों, धूप आदि से बचाया जा सकता है।
जिससे आमों को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा और अच्छी कीमत भी मिलेगी। आम के 3 इंच का होने पर उसे इस बैग में डाल दिया जाता है और वह इसी बैग में बढ़ता रहता है। उन्होंने बताया कि इन बैगो का रंग अलग है, जिसमें अलग-अलग किस्म के आम पैक किए जाते हैं।
लाल, पीला और सफेद बैग
फल संरक्षण करने वाले ये बैग लाल, पीले और सफेद रंग के है। जिसमें आमों को छोटे से ही पैक किया जाता है। लाल बैग में आम्रपाली, अनामिका, दशहरी, चौंसा लंगड़ा आम की पैकिंग होती है, जबकि पीले बैग में चौंसा और लंगड़ा भी पैक होता है। अगर सफेद बैग की बात करें तो लाल, पीले और बैंगनी रंग में आने वाले आमों की पैकिंग इसमें होती है। इस तरह पैकिंग के दौरान किसानों को इस बात का ध्यान रखना पड़ता है।
ये बैग किसानों को 2-3 रुपये में बेचे जाते हैं जो क्वालिटी और अलग-अलग कंपनी के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। अगर आप सहारनपुर के आसपास से हैं तो बेहड़ के शिवालिक एफपीओ में जाकर ये बैग खरीद सकते हैं। ऐसे बैग ऑनलाइन भी मिलते हैं। इन बैग की एक खासियत ये भी है कि पक्षी भी फल नहीं खाते। एक तरह से ये बैग फल की सुरक्षा करता है।