मटर की खेती के लिए इन 4 किस्मों में है दम, देती हैं 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन, जानिए उनके नाम और खासियत

On: Sunday, November 2, 2025 12:12 PM
मटर की वैरायटी

मटर की खेती के लिए अगर आपको उन्नत वैरायटी की तलाश है, तो चलिए आपको कुछ मटर की बढ़िया किस्मों की जानकारी देते हैं।

मटर की खेती

मटर की खेती इस समय कई किसान करते हैं, जिसके लिए उन्हें बढ़िया वैरायटी की तलाश होती है। यहां पर आपको चार वैरायटी की जानकारी देंगे, जिनका उत्पादन भी अच्छा-खासा मिलता है। इनमें एक वैरायटी ऐसी है, जो किसानों को एक हेक्टेयर में 90 क्विंटल तक उत्पादन देने की क्षमता रखती है।

पूसा प्रगति

पूसा प्रगति मटर की एक अच्छी वैरायटी है। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। इस वैरायटी को अगर किसान लगाते हैं, तो एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल तक हरी फलियों का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। 60 से 65 दिन में यह तैयार हो जाती है। इसकी फलियों में 8 से 10 दाने होते हैं और लंबाई 9 से 10 सेंटीमीटर होती है। इसे जल्दी पकने वाली बौनी किस्म कहा जाता है। इसमें चूर्णी फफूंदी नामक रोग नहीं लगता, तो किसानों को इसमें फायदा बहुत ज्यादा है।

जवाहर मटर-3

जवाहर मटर-3 भी एक अच्छी वैरायटी है। इसमें प्रति हेक्टेयर 70 क्विंटल तक उत्पादन किसानों को मिल सकता है। इसके फलों की लंबाई 6 से 7 सेंटीमीटर होती है, जिसमें दाने 7 तक देखने को मिलते हैं। यह वैरायटी T-19 एवं अर्लीबेजर के क्रॉस से विकसित की गई है, तो किसानों के पास यह भी एक अच्छा विकल्प है।

जवाहर मटर-3 के अलावा जवाहर मटर-4 और जवाहर मटर-1 भी बढ़िया हैं। जवाहर मटर-1 में दानों की संख्या 8 से 9 होती है और प्रोटीन 24.6% तक रहता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है। जबकि जवाहर मटर-4 में प्रोटीन की मात्रा और भी अधिक होती है।

पीएलएम-3

पीएलएम-3 मटर की वैरायटी भी बढ़िया है, जो एक हेक्टेयर में 90 क्विंटल तक हरी फलियों का उत्पादन दे सकती है। यह 65 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी फलियों की लंबाई 8 से 10 सेंटीमीटर होती है और इनमें 8 से 10 दाने पाए जाते हैं। ज्यादा उत्पादन लेने के लिए किसानों को इस वैरायटी का चयन करना चाहिए।

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