अक्टूबर में लगाई गई ये सब्जियां जल्दी तैयार होकर बाजार में ऊंचे दाम दिलाती है जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है इनकी खेती में ज्यादा दिन नहीं लगते है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियां है।
किसानों की मौज करा देगी ये 3 सब्जियां
अक्टूबर का महीना प्रारंभ हो चूका है इस महीने में किसान गेहूं सरसों से नहीं इन सब्जियों की खेती से कम लागत कम दिन और मेहनत में बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है ये सब्जियां मार्केट में काफी डिमांडिंग और महंगी बिकने वाली होती है सीजन की शुरुआत में बाजार में आते ही दोगुना कीमत पर बिकती है। इन सब्जियों का सेवन करना लोग बहुत पसंद करते है क्योकि ये सिर्फ ठंड के मौसम में ही खाने को मिलती है। ठंड के मौसम में इन सब्जियों का विकास तेजी से होता है तो आइये इनकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
ब्रोकली की खेती
अक्टूबर के महीने में किसान ब्रोकली की खेती बहुत आसानी से कर सकते है ब्रोकली एक ऐसी सब्जी है जो मार्केट में बहुत ज्यादा मांग में होती है और महंगी भी बिकती है। ये ठंडे मौसम की फसल है। इसकी पहले नर्सरी तैयार की जाती है फिर 25–30 दिन बाद पौधे रोपाई लायक हो जाते हैं। इसकी खेती के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए। इसकी खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है रोपाई के बाद महज 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में ब्रोकली की उपज लगभग 15 टन होती है।

मेथी की खेती
मेथी भारत में सबसे लोकप्रिय हरी पत्तेदार सब्जी है इसकी पत्तियाँ हरी सब्जी और दाने मसाले एवं औषधि दोनों के लिए काम आते हैं। मेथी की अगेती खेती करने से डबल कमाई होती है क्योकि ये सीजन की शुरुआत में बाजार में महंगी बिकती है इसकी बिजाई के लिए उन्नत रोग प्रतिरोध किस्म के बीजों का चुनाव करना चाहिए। बुवाई के लिए 20–25 किग्रा/हेक्टेयर बीज पर्याप्त होते है। बुवाई से पहले बीजों को पानी में भिगोकर रखना चाहिए जिससे अंकुरण जल्दी होता है इसकी खेती में वर्मीकम्पोस्ट खाद का प्रयोग जरूर करना चाहिए। बुवाई के बाद मेथी की फसल प्रथम कटाई के लिए लगभग 30 से 40 दिन में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में मेथी की खेती से 100 क्विंटल हरी पत्तियों की उपज मिलती है। आप इसकी खेती लाखों की कमाई कर सकते है।

हरी प्याज की खेती
अक्टूबर में किसान हरी प्याज की खेती भी कर सकते है इसे स्प्रिंग अनियन भी कहा जाता है। इसकी खेती के लिए पहले खेत को तैयार करना चाहिए और मिट्टी में गोबर की सड़ी खाद डालना चाहिए इसकी बुवाई के लिए बीज दर 8–10 किग्रा/हेक्टेयर होती है। इसके बीजों को हल्के हाथ से छिड़क कर या पंक्ति में बोया जाता है। इसकी खेती में पंक्ति से पंक्ति दूरी 20–25 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7–10 सेमी रखना चाहिए। बुवाई के बाद हरी प्याज की फसल 40–50 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में हरी प्याज की खेती करने से करीब 120–150 क्विंटल हरी प्याज का उत्पादन होता है।


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