अमरूद की खेती या बागवानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली किस्म के पौधों का चयन करना चाहिए जो मार्केट में सबसे ज्यादा मांग में रहती है तो चलिए जानते है कौन सी किस्म सबसे आदर्श होती है।
अमरूद की ये 3 वैरायटी है अति उत्तम
अमरूद की खेती के लिए आज हम आपको कुछ ऐसी वैरायटी के बारे में बता रहे है जो अच्छे स्वाद और ज्यादा उत्पादन देने वाली होती है। अमरूद की खेती के लिए कुछ समय की निरंतर कड़ी मेहनत की जरूरत होती है फिर एकबार पौधों की रोपाई के बाद कई सालों तक जबरदस्त मुनाफा होता है। अमरूद की ये किस्म खाने में बहुत स्वादिष्ट और मिठास से भरी होती है इसलिए लोग इन किस्म के अमरूद खरीदना ज्यादा पसंद करते है।
अमरूद की बर्फ खाना किस्म
अमरूद की बर्फ खाना किस्म व्यावसायिक खेती के लिए बहुत उपयुक्त होती है इसकी खासियत ये है की इसके पौधे में साल में कई बार फल आते है। जिससे किसानों की आय अच्छी होती है। इसके फल खाने में अधिक मीठे और और स्वादिष्ट होते है। इसके पौधों को पहले नर्सरी में तैयार किया जाता है फिर खेत में रोपाई की जाती है। अमरूद की बर्फ खाना किस्म के प्रति पेड़ में लगभग 130-155 किलोग्राम तक फल की पैदावार हो सकती है आप इसकी खेती से एक एकड़ में लाखों का मुनाफा कमा सकते है।

अमरूद की ताइवान पिंक किस्म
अमरूद की खेती के लिए आप अमरूद की ताइवान पिंक किस्म का चुनाव भी कर सकते है ये किस्म अपने मीठे स्वाद, सुंदर गुलाबी गूदे, और कम समय में फल देने की विशेषता के कारण काफी प्रसिद्ध किस्म है। ये मार्केट में काफी अच्छी कीमत पर भी बिकती है। इस किस्म के पौधे बोन होते है जिससे इसे उगाना और फल तोड़ना आसान हो जाता है। ये किस्म अन्य किस्मों की तुलना में ये 6 महीने में फल देना शुरू कर देती है। इसमें बीज कम होने के कारण लोग इसके खाना ज्यादा पसंद करते है। इसके एक परिपक्व ग्राफ्टेड पेड़ से प्रति वर्ष 350 किलोग्राम तक उपज मिल सकती है।

लखनऊ-49 किस्म
लखनऊ-49 किस्म भी व्यावसायिक खेती के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसकी मांग बाजार में बहुत होती है क्योकि इसके फलों का उपयोग ताजे फल खाने के साथ-साथ जूस, जैम, जेली और अन्य खाद्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है। इसके पौधों को उचित जल निकासी वाली मिट्टी में लगाना चाहिए। इसकी खेती के लिए बलुई-दोमट मिट्टी सबसे आदर्श होती है। इसकी अच्छी उपज के लिए पौधों को प्रतिदिन 6-8 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है। इसकी खेती में पौधों के बीच 10-15 फीट की दूरी रखनी चाहिए। एक हेक्टेयर में लखनऊ-49 किस्म की खेती करने से औसतन लगभग 25 टन की उपज हो सकती है।


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