भेड़ पालन आज के समय में बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है कई लोग भेड़ का पालन ऊन के लिए करते हैं तो कई लोग भेड़ का पालन मांस के लिए करते हैं। भेड़ का पालन खास तौर पर ऊन के लिए किया जाता है। वैसे तो आमतौर पर भारत में भेड़ की लगभग 44 नस्ले पाई जाती है लेकिन इनमें से तीन ऐसी खास नस्ले है जो कि ऊन के लिए पाली जाती है जोकि बहुत ज्यादा मात्रा में ऊन देती है। आइए इन तीनों नस्लों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गुग्नी नस्ल की भेड़
गुग्नी नस्ल की भेड़ का पालन करके पशुपालक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस नस्ल की भेड़ की साल भर में लगभग तीन बार ऊन काट सकते हैं। इस नस्ल की भेड़ लगभग औसतन एक से लेकर 1.5 किलो सालाना ऊन दे देती है। भेड़ का ऊन बेचकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस भेड़ों का ऊन मार्केट में अच्छी कीमत में बेचा जाता है।
मारवाड़ी नस्ल की भेड़
मारवाड़ी नस्ल की भेड़ से अच्छी खासी मात्रा में उन प्राप्त होता है। अगर आप इसका पालन करते हैं तो आप इसको मार्केट में बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस नस्ल की भेड़ साल भर में लगभग 1.5 से 2.5 किलो तक का ऊन देती है। इस नस्ल की भेड़ की साल भर में लगभग दो बार ऊन काटी जाती है। साथ ही इस नस्ल का पालन मांस के लिए भी किया जाता है क्योंकि इसका मांस बहुत महंगा बिकता है और मार्केट में इसकी डिमांड भी बहुत ज्यादा रहती है।
जैसलमेरी नस्ल की भेड़
जैसलमेरी नस्ल की इस भेड़ का पालन ऊन, मांस और दूध तीनों के लिए किया जाता है। इस भेड़ से साल भर में लगभग 750 ग्राम ऊन प्राप्त होता है। इस नस्ल की भेड़ का दूध मार्केट में बहुत ज्यादा मात्रा में बिकता है। इतना ही नहीं इस भेड़ का मांस की मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड में रहता है और बहुत महंगा बिकता है। इस भेड़ का पालन इन तीनों ही तरीकों से कमाई करने के लिए किया जाता है। अगर आप भी इन तीनों नस्लों में से किसी एक नस्ल का पालन कर लेते हैं तो आपके लिए फायदे का सौदा होगा।
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