गर्मियों के मौसम में नींबू की जरूरत घर में बहुत बढ़ जाती है क्योकि नींबू का इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में खूब होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है बगीचे में लगे नींबू के पौधे में फलों की पैदावार को कैसे बढ़ाया जा सकता है।
गुच्छों में नींबू से लद जाएगा पौधा
गर्मियों में नींबू का इस्तेमाल नींबू पानी, अचार शरबत जैसे कई चीजों को बनाने में खूब होता है नींबू ऐसे में बाजार से नींबू खरीदने की बजाए घर में लगे नींबू के पौधे में फलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों से तैयार घोल के बारे में बता रहे है जो पौधे में नींबू की उपज को कई गुना बड़ा देता है इस घोल में कई पोषक तत्व के गुण होते है जो पौधे को भरपूर पोषण देने का काम करते है जिससे पौधे में पोषक तत्व की कमी दूर हो जाती है और फल फूल झड़ने की समस्या भी खत्म होती है अक्सर कई लोगों का नींबू का पौधा 5 साल का हो जाने के बाद भी फल नहीं देता है ऐसे में पौधे में इस घोल का उपयोग जरूर करना चाहिए। तो चलिए जानते है कौन सा घोल है

नींबू के पौधे में डालें 1 मग ये घोल
नींबू के पौधे में डालने के लिए हम आपको चाय पत्ती, मछली के पानी और सरसों की खली से बने घोल के बारे में बता रहे है चाय पत्ती नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते है जो नींबू के पौधे की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होते है नींबू के पौधे में मछली का पानी पौधे को स्वस्थ और मजबूत बनाता है इसको पौधे में डालने से फलों की पैदावार कई गुना मात्रा में बढ़ जाती है क्योकि मछली के पानी में मेग्नेशियम, नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे पोषक कई पोषक तत्व होते है जो पौधे के लिए आवश्यक होते हैं। ये मिट्टी की संरचना को सुधारती है जिससे पौधे के लिए अधिक पोषक तत्व उपलब्ध होते है। सरसों की खली पौधे की वृद्धि और फलों उत्पादन में मदद करती है साथ ही पौधे को कीड़ों से दूर रखती है और मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती है।
कैसे करें उपयोग
नींबू के पौधे में चाय पत्ती, मछली के पानी और सरसों की खली से बने घोल का उपयोग ज्यादा उपयोगी और लाभकारी साबित होता है इसका उपयोग करने के लिए मछली को धोने के बाद जो खराब पानी बचता है उसमे एक चम्मच चाय पत्ती और एक मुट्टी सरसों की खली को डालकर कुछ देर भिगोकर रखना है फिर इस पानी में एक लीटर पानी और मिलाकर नींबू के पौधे की मिट्टी में डालना है ऐसा करने से पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे जिससे पौधे में फलों की उपज दोगुनी हो जाएगी।