हीरे सी चमकेगी गेहूं की फसल। हमारे देश में अधिकांश जिलों में मुख्य रूप से गेहूं की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में गेहूं के अलग-अलग किस्म की खेती की जाती है। ऐसे में गेहूं की पैदावार मिट्टी की प्रकृति और सिंचाई की गुणवत्ता पर पूरी तरह से निर्भर होती है। गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार पाने के लिए और फसल को अच्छा और स्वस्थ रखने के लिए आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है। आइए आपको बताते हैं कि आप गेहूं की अच्छी पैदावार कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
गेहूं की फसल में सिंचाई
गेहूं की फसल में सही समय पर सिंचाई होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि यह पूरी तरह से पैदावार पर असर करता है। बता दे कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति का कहना है कि गेहूं की फसल में पानी की जो आवश्यकता होती है। आपके खेत की मिट्टी किस प्रकार की है यह पूरी तरह उस पर निर्भर करती है। अगर आपके खेत में हल्की मिट्टी है या भुरभुरी मिट्टी है या अपने गेहूं की कौन सी किस्म खेत में लगाई हुई है। जमीन सिंचित है या असंचित है। गेहूं की कौन सी कौन सी किस्म का आपने चुनाव किया है उसे आधार पर गेहूं की सिंचाई की जरूरत पड़ती है।
बता दे गेहूं संचित हो या असंचित, हमारे क्षेत्र में अधिकतर किसान भाई पलेवा करके गेहूं की बुवाई करते हैं। किसान पहले खेत की सिंचाई कर लेते और फिर उसके बाद में इसकी बुवाई करते हैं जिसकी वजह से खेत में नमी बनी रहती है और बीच में अंकुरण हो जाता है। लेकिन वही अगर आप सुख में बुवाई करते हैं और फिर सिंचाई करते हैं तो फिर आपको तुरंत पानी देने की जरूरत पड़ती है। जिससे कि अंकुरण सही तरीके से और सही समय पर हो जाए। आपकी फसल अच्छे से विकास करना शुरू कर दे।
गेहूं में सिंचाई पर दे विशेष ध्यान
गेहूं की सिंचाई शुरुआती दिनों में अगर आप करते हैं तो आपको बता दे की कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति का कहना है कि बीजों के अंकुरण के लिए पानी देते ही है। लेकिन आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि बीज की बुवाई करने के बाद में आपको लगभग 21 से 25 दिन के बाद में फसल में सिंचाई करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इस समय आपको पहले पानी देना ही चाहिए। किसान पलेवा करके बुवाई करें या फिर सूखे में बुवाई करें ऐसे में दोनों ही स्थिति में आपको गेहूं में पानी देना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जड़ निकलने का समय माना जाता है। इसे CRI यानी क्राउन रूट इनीशिएशन स्टेज कहा जाता है।
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गेहूं में सिंचाई का सही तरीका
1. किसानों के पास अगर पानी की कमी है और वह केवल दो ही बार पानी दे सकते है तब ऐसी स्थिति में किसान को पहला पानी 25 दिन की अवस्था में और दूसरा पानी बालियां निकलते वक्त 80 से 50 दिन की स्थिति में देना बेहद आवश्यक होता है।
2. अगर किसान के पास तीन बार पानी देने के लिए पानी उपलब्ध है। तब आपको पहले अपनी 21 से 25 दिन में देना चाहिए। दूसरा पानी 60 से 65 दिन के बीच में देना चाहिए और तीसरा पानी 100 से 110 दिन के बीच में देना चाहिए।
3. अगर किसान गेहूं की फसल को चार बार पानी दे सकता है तब ऐसी अवस्था में किसान को पहले अपनी 21 से 25 दिन में देना चाहिए दूसरा पानी 40 से 45 दिन में देना चाहिए तीसरा पानी 80 से 85 दिन में देना चाहिए और चौथा पानी दोनों में दूध भरते समय बीच में देना चाहिए।
4. किसान नगर गेहूं की फसल में पांच बार सिंचाई कर सकता है तब ऐसे में किसान को पहले अपनी 21 से 25 दिन में देना चाहिए। दूसरा पानी 40 से 45 दिन में देना चाहिए तीसरा पानी 60 से 65 दिन में देना चाहिए चौथा पानी 80 से 85 दिन में देना चाहिए तो वही पांचवा पानी 100 से 110 दिन के अवस्था में देना चाहिए।
5. अगर किसान गेहूं की फसल में 6 पानी दे सकते है तब ऐसी स्थिति में उसको पहले अपनी 20 से 25 दिन में देना चाहिए दूसरा पानी 40 से 45 दिन में देना चाहिए तीसरा पानी 60 से 65 दिन में देना चाहिए चौथा पानी 80 से 85 दिन में देना चाहिए पांचवा पानी 100 से 110 दिन में देना चाहिए तो वही छठवा पानी 120 से 135 दिन की अवस्था में देना चाहिए। इस प्रकार गेहूं को सही समय पर पानी देने से उसमें चमक बनी रहती है और साथ ही अच्छा उत्पादन भी होता है।