अगर आपने बेल वाली लत्तेदार सब्जियों की खेती की है जैसे की लौकी, तुरई, कद्दू आदि की तो इन पर यह दो कीट बहुत ही ज्यादा खतरनाक होते हैं, जानें इनके लक्षण और उपाय-
बेल वाली सब्जियों की फसल में कीटों का खतरा
बेल वाली सब्जी की फसल में इस समय कीटों को बहुत ज्यादा खतरा रहता है। बरसात से पहले और बाद में भी यह कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह पत्तियों को भी खाते हैं, जड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। फलों में भी छेंद करते हैं जिसमें कद्दू लाल मृंग कीट और फल मक्खी कीट मुख्य तौर पर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
- कद्दू लाल मृंग कीट की बात कर तो इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके पीठ नारंगी और पेट काले रंग के होते हैं इसके बच्चे और वयस्क कीट दोनों ही पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं।
- फल मक्खी कीट में बहुत बहुत ही खतरनाक होते है। जैसे ही तेज धूप निकलती है यह पत्तियों को खाना शुरू कर देते हैं, और फलों में भी छेंद कर देते हैं। जिससे फल की गुणवत्ता खराब हो जाती है। धीरे-धीरे इसे सड़ा भी देते हैं। फल मक्खी की पहचान की बात करें तो यह भूरे रंग की होती है, और यह सब्जी फल आदि के बीच में घुसने का प्रयास करती है।
इन दोनों कीटों के लिए उपाय
अगर खेत में कद्दू लाल मृंग कीट दिखाई देता है तो इसके लिए आप सुबह के समय राख का छिड़काव कर सकते हैं। राख जो की लकड़ी और कंडे के जलाने के बाद बचती है, जिसे लोग फेंक देते हैं। इसका खेत में कीटनाशक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी तरह की सब्जियां में पत्तों पर इस कीट को भगाने के लिए छिड़क सकते हैं। लेकिन अगर इनका प्रकोप बहुत ज्यादा है, राख से बचाव नहीं हो रहा तो ऐसे में फेनमेलरेट 0.4 प्रतिशत का 25 ग्राम 1 हेक्टेयर में छिड़क सकते हैं इससे कीट से छुटकारा मिलेगा।
वहीं अगर फल मक्खी कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है, तो इसके लिए फेरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें फल मक्खियों फंस जाती है। एक एकड़ में 6 से 8 फेरोमोन ट्रैप लगा सकते हैं। इसके अलावा मिट्टी के एक बर्तन में गुड़ ताड़ी और कीटनाशक के दो बूंद डालकर खेत के कुछ हिस्सों में लटका सकते हैं। इससे भी फल मक्खी को खेत से भगाया जा सकता है। आपको बता दे की फल मक्खी के कारण 30 से लेकर 100% तक नुकसान किसानों को होता है।
यह भी पढ़े- पशुपालकों को और क्या चाहिए, सिर्फ ₹2 में घर बैठे होगा पशुओं का इलाज, इस टोल फ्री नंबर पर कर दे फोन