आ गया इस फसल की बुवाई करने का मौसम, अक्टूबर में करें इसकी खेती होगी बंपर पैदावार समेत तगड़ा मुनाफा, जाने खेती करने का तरीका।
आ गया इस फसल की बुवाई करने का मौसम
इस फसल की खेती बहुत फ़ायदेमदं साबित होती है इसकी पछेती बुवाई के लिए 15 से 25 अक्टूबर तक का समय सबसे ज्यादा उपयुक्त रहता है। आप इसकी खेती से बहुत तगड़ी कमाई कर सकते है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में पूरे साल रहती है। लोग इस सब्जी को खाना बहुत ज्यादा पसंद करते है ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है जिससे इसकी बिक्री बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है। हम बात कर रहे है आलू की खेती की आलू की खेती बहुत लाभ की साबित होती है तो चलिए जानते है आलू की खेती कैसे की जाती है।
अक्टूबर में करें इस फसल की खेती
इस फसल की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है अगर आप इस फसल की खेती करना चाहते है तो इसकी पछेती बुवाई के लिए 15-25 अक्टूबर तक का समय सबसे अच्छा रहता है कई किसान तो नवंबर से दिसंबर के बीच तक आलू की पछेती बुवाई करते है लेकिन सही समय अक्टूबर होता है। आलू की खेती के लिए मिट्टी को जैविक तरीके से तैयार किया जाता है। इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली बलुई दोमट सबसे उपयुक्त मानी जाती है इसके पौधे बीजों के माध्यम से लगाए जा सकते है। आलू की पहली सिंचाई अंकुरण के बाद करनी चाहिए। इसकी खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे कंदों की पैदावार बढ़ती है। इसकी फसल 90 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
इस फसल की खेती में बहुत शानदार कमाई होती है क्योकि आलू की डिमांड बाजार में पूरे साल रहती है और नवरात्री जैसे त्यौहार में तो आलू के भाव ही आसमान में पहुंच जाते है। एक एकड़ ज़मीन से लगभग 120 से 125 क्विंटल तक आलू की पैदावार होती है आलू की खेती से एक एकड़ ज़मीन में करने से करीब 1 से 2 लाख रूपए तक का मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
कितनी आएगी लागत
अगर आप इस फसल की खेती करते है तो आपको इसकी खेती एक एकड़ ज़मीन में करने पर करीब 50 से 60 हज़ार रूपए की लागत आ सकती है क्योकि इसकी खेती में कुछ चीजों का खर्चा होता है जैसे….
- बीज का खर्चा
- जुताई का खर्चा
- गोबर की खाद
- सिंचाई का खर्चा
- कटाई का खर्चा
- मजदूरों की मजदूरी का खर्चा