केमिकल खाद से बीमार हुई मिट्टी में आएगी जान, ये है मिट्टी मरम्मत करने का सही तरीका, जानिये अब तक कितनी खराब हो चुकी मिट्टी

केमिकल खाद से बीमार हुई मिट्टी में आएगी जान, ये है मिट्टी मरम्मत करने का सही तरीका, जानिये अब तक कितनी खराब हो चुकी मिट्टी। ज्यादा पैदावार लेने के लिए हम केमिकल वाली खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन इससे मिट्टी को कितना नुकसान हो रहा है, मिट्टी कितनी खराब हो रही है और इसे बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए यह तीनों चीजे आइये जानते हैं।

केमिकल वाली खाद से मिट्टी को नुकसान

कई सालों से किसान अधिक उपज लेने के लिए मिट्टी में खाद डाल रहे हैं। जिसमें केमिकल मिला हुआ होता है। उनसे पैदावार तो बहुत ज्यादा बढ़ गई है लेकिन मिट्टी और फसल पर इसका बुरा असर पड़ता है। जिससे मिट्टी का उपजाऊपन ही खत्म होता जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ दिन मिट्टी किसी काम की नहीं रह जाएगी। दरअसल, रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम होती जा रही है। जिसमें आपको बता दे की मिट्टी में जो कार्बनिक पदार्थ 5% तक होना चाहिए वह घटकर दो प्रतिशत तक रह गया है।

इस तरह आप समझ सकते हैं कि अभी तक कितना नुकसान हुआ है, और अगर आगे भी ऐसा ही करते रहे तो मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बिल्कुल खत्म हो जाएगी। इसी वजह से सरकार भी लगातार किसानों को जागरुक कर रही है। लेकिन किसान क्या करें रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना पड़ता ही है। क्योंकि अच्छी पैदावार मिलती है। लेकिन कुछ मुफ्त की चीजों का भी इस्तेमाल करके मिट्टी के उपजाऊ बनाकर को बना सकते हैं तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं कि कार्बनिक पदार्थ के कम होने से फसलों को क्या नुकसान हो रहा है, उसके बाद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाने और मिट्टी को उपजाऊ करने के बारे में भी जानेंगे।

केमिकल खाद से बीमार हुई मिट्टी में आएगी जान, ये है मिट्टी मरम्मत करने का सही तरीका, जानिये अब तक कितनी खराब हो चुकी मिट्टी

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कार्बनिक पदार्थ कम न होने से फसलों पर असर

रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल करने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ कम हो रहा है। अगर सामान्य शब्दों में बात करें तो कार्बनिक पदार्थ कम होने से फसलों पर भी बुरा असर पड़ता है। फसलें कमजोर होने लगती हैं और पीले-पन की समस्या भी इसी लिए आती है। फिर फसल से जो अनाज निकलते हैं उनके दाने सिकुड़ने लगते हैं और उत्पादन कम होने के साथ-साथ अनाज की क्वालिटी भी खराब हो जाती है।

साथ ही आपको बता दे कि पौधों में पानी ग्रहण करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इससे वह फैलते नहीं और मिट्टी भी कोमल नहीं रह जाती है। कमजोर हो जाती हैं। फिर हल्के आंधी-तुफान से भी पौधे गिर जाते हैं। किसानों को बड़ा नुकसान होता है।

मिट्टी की कैसे करें मरम्मत

नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार जाने मिट्टी को उपजाऊ कैसे बना सकता है।

  • अधिक उपज लेने और मिट्टी के उपजाऊपन को बढ़ाने के लिए किसान जैविक खाद और गोबर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मिट्टी को नुकसान भी नहीं होगा और उत्पादन भी बढ़ेगा। जिससे मिट्टी भी उपजाऊ हो जाएगी।
  • इसके अलावा कीटनाशक के स्थान पर किसान गोमूत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हां आपको बता दे कि अब गोमूत्र से भी कीटनाशक और उर्वरक बनाए जा रहे हैं। यह बिल्कुल प्राकृतिक तरीका होगा। गोमूत्र में कई तत्व पाए जाते हैं। जैसे कि अमोनिया, नाइट्रोजन, सोडियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कॉपर और यूरिक एसिड आदि तत्व पाए जाते है। जिसके कारण यह कीटनाशक और उर्वरक के जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • वहीं अगर किसी मिट्टी को उपजाऊ बनाना चाहते हैं तो ढैंचे की खेती कर सकते हैं। मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी पूरी हो जाती है। इस लिए हर साल इसकी बुवाई के लिए किसानों को कहा जाता है। साथ ही किसान अगर अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं तो मिट्टी का परीक्षण करवा सकते हैं, और उसका सही उपचार करने के बाद खेती कर सकते हैं।

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