किसानों के छूटे पसीने, आम आदमी के हुए मजे, हरी सब्जियों की कीमत में 60% की गिरावट दर्ज, जानिए कारण

हरी सब्जियों की कीमत लगातार गिरते जा रही है, और आने वाले समय में बढ़ने के कोई आसार नहीं है, चलिए जानते हैं पूरी जानकारी-

60% तक गिरे हरी सब्जियों के भाव

हरी सब्जी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। लोग प्रतिदिन हरी सब्जियों की खरीदी करते हैं। इसीलिए हरी सब्जियों के भाव ज्यादा ही रहते हैं। लेकिन इस समय हरी सब्जियों के भाव में 50 से 60%‌ गिरावट देखी जा रही है। जिससे हरी सब्जी के प्रेमी ग्राहकों को बड़ा फायदा हो रहा है। लोग झोला भरकर सब्जियां खरीद रहे हैं। इस महीने कई बार हरी सब्जियों के भाव में कमी देखी गई है। साथ ही मंडी वालों का कहना है कि आगे एक दो महीने तक ऐसे ही भाव रहने के आसार है।

सब्जियों की कीमत

हरी सब्जियों की कीमत लगातार गिर रही है। जिससे बहुत ज्यादा सस्ते में हरी सब्जी मिल रही है। लेकिन प्याज के भाव बढ़ रहे हैं। जी हां प्याज की कीमत घटी नहीं है, बल्कि बढ़ रही है। पहले प्याज थोक में ₹25 तक बिकता था। लेकिन अब ₹30 तक पहुंच गया है। जी हां ₹30 किली थोक में ब्याज मिल रहे हैं, और बाजार में प्याज के दाम 40 से ₹50 किलो पहुंच गए हैं। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में हरी सब्जियों के भाव कम हो रहे हैं।

जिसमें टमाटर इस समय 6 से 8 रुपए किलो बिक रहा है। आलू 7 से 10 रुपए किलो हो गया है। मंडी में मौसमी सब्जियां बहुत ही कम दामों में मिल रही है। आपको बता दे कि पिछले एक दो महीने टमाटर के भाव ₹30 किलो तक थे और आलू के भाव में ₹20 किलो थे। लेकिन अब कीमत आधे से भी कम होती जा रही है। यहां पर आम जनता को तो फायदा है। लेकिन किसानों को नुकसान हो रहा है। लौकी, शिमला मिर्च, मटर, टमाटर आलू जैसी सब्जियां आजादपुर मंडी में बहुत ही ज्यादा सस्ती में बिक रही है।

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सब्जियों की कीमत गिरने का कारण

सब्जियों की खेती में कमाई तो है लेकिन जिस तरह इस समय कीमत गिर रही है तो किसानों को नुकसान हो जाता है। इसलिए किसानों को पता होना चाहिए कि सब्जियों की खेती से कमाई कैसे की जा सके। इस समय सब्जियों की कीमत गिर रही तो इसका कारण यह बताया जा रहा है कि सब्जियों की पैदावार अधिक हो गई है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में सब्जियों की पैदावार अधिक हो रही है। दिल्ली में आवक मांग से ज्यादा हो रही है। जिससे सब्जियों की कीमत गिर रही है।

जिसमें बताया जा रहा है कि इंदौर में टमाटर की अधिक पैदावार, जयपुर में मटर और अहमदाबाद में घीया, बैगन तुरई, जितनी व्यापारी मांग नहीं कर रहे हैं उतनी ज्यादा सब्जियां आ रही है। जिससे उनकी कीमत गिर रही है। आलू की खेती करने वाले उत्तर प्रदेश, मेरठ, संभल, पंजाब, जालंधर के किसान खूब आलू भेज रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छी कीमत भी नहीं मिल रही है।

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