ये फसल की खेती का समय नजदीक आ चूका है इसकी बुवाई के लिए खेत की तैयारी शुरू कर दें किसान जिससे बंपर उपज से होंगे धनवान।
सबसे कम खर्चीली फसल देगी सबसे ज्यादा मुनाफा
सरसों एक कम खर्चीली फसल है इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है और मुनाफा बहुत ज्यादा होता है। आज हम आपको सरसों की एक अगेती किस्म के बारे में बता रहे है ये किस्म एक उच्च गुणवत्ता वाली रोग प्रतिरोधक है। सरसों की इस किस्म में 38% से अधिक तेल की मात्रा होती है जो पारंपरिक भारतीय सरसों की किस्मों से अधिक है। इसका तेल निकलने के बाद जो अवशेष बचता है उसकी खली भी बाजार में बिकती है। जिससे दोगुना कमाई होती है। सरसों की इस किस्म का नाम पूसा डबल ज़ीरो सरसों-31 है। ये सरसों की एक उन्नत वैरायटी है।

पूसा डबल जीरो सरसों-31 किस्म
पूसा डबल जीरो सरसों-31 किस्म तेल उत्पादन के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 600-700 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है इसकी खेती के लिए पहले खेत की जुताई करना चाहिए और मिट्टी में खाद डालना चाहिए। खाद के लिए वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद का इस्तेमाल कर सकते है। इसकी खेती में 1 से 2 सिंचाई की आवश्यकता होती है। बुआई के बाद पूसा डबल जीरो सरसों-31 किस्म की फसल को पकने में कम से कम 140 से 145 दिनों का समय लगता है।
उत्पादन से भर जाएंगे गोदाम
पूसा डबल जीरो सरसों-31 किस्म की खेती से बहुत जबरदस्त उत्पादन देखने को मिलता है ये पीली सरसों की एक किस्म है। एक हेक्टेयर में पूसा डबल जीरो सरसों-31 किस्म की खेती से करने से करीब 28-32 क्विंटल की उपज होती है आप इसकी खेती से 1,68,000 से 2 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते है। ये मार्केट में लगभग 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक सकती है। इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है।

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