आनंदी ग्रीन्स भारत की नंबर वन गार्डनिंग कंपनी, इनके ग्रो बैग्स की होती है रिकॉर्ड तोड़ बिक्री, 80% से ज्यादा महिलाएं आनंदी ग्रीन्स को दे रही उड़ान

माँ की प्रेरणा, खुद के गार्डनिंग और सब्जियां उगाने के शौक और सिर्फ 2 हजार रुपए से बनाया 15 करोड़ का एक बेहतरीन बिज़नेस।

जी हाँ! हम बात कर रहे हैं अजीत चौधरी और उनके आनंदी ग्रीन्स की। उन्होंने गार्डनिंग के शौक के लिए ग्रो बैग्स बनाना शुरू किया। लेकिन, इसे सिर्फ खुद तक सीमित ना रखकर एक व्यवसाय में तब्दील कर दिया और आज ये भारत में नंबर वन है। आइये, बताते हैं आनंदी ग्रीन्स की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में :

एक मशीन से हुई थी शुरुआत, आज इंडिया में नंबर वन  

आनंदी ग्रीन्स की शुरुआत 2018 में इंदौर में एक छोटे से कमरे और एक मशीन से हुई थी, लेकिन आज भारत में इनके 13 से ज्यादा वेयरहाउस  हैं, इंदौर में इनकी मेन्युफैक्चरिंग यूनिट है जिसमें 40 से ज्यादा मशीनें और 70 से ज्यादा कर्मचारी हैं। शुरुआत सिर्फ ग्रो बैग्स मैन्युफैक्चरिंग से हुई लेकिन आज आनंदी ग्रीन्स ग्रो बैग्स के साथ-साथ प्राकृतिक खाद, गार्डनिंग टूल्स और फल, फूल, सब्जियों के बीज भी डिलीवर करता है। आनंदी ग्रीन्स के ग्रो बैग्स की क्वालिटी उन्हें सबसे खास बनाती है।

2 हजार से लेकर 15 करोड़ तक सफर तय कर चुका आनंदी ग्रीन्स 

आनंदी ग्रीन्स की शुरआत अजीत ने सिर्फ 2 हजार रुपए से की थी लेकिन अब ये 15 करोड़ से ज्यादा का है। इनकी नंबर वन क्वालिटी ही कारण है कि इन्होंने अपना रेवेन्यू मात्र एक साल में ही दोगुना कर लिया है। अजीत ने बताया कि पिछले साल आनंदी ग्रीन्स का टर्नओवर 6.5 करोड़ का था और इस साल अभी तक वे 15 करोड़ के आसपास पहुंच चुके हैं। यह दर्शाता है कि आनंदी ग्रीन्स कस्टमर्स की पहली पसंद बना हुआ है। 

सिर्फ एक प्रोडक्ट के साथ मार्केट में रहना था सबसे बड़ी चुनौती 

आनंदी ग्रीन्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी सिर्फ एक ही प्रोडक्ट के साथ मार्केट में बने रहना। लेकिन वे अपने ग्रो बैग्स को लेकर मार्केट में बने रहे और निरंतर अपनी क्वालिटी और सर्विसेस में सुधार करते गए और आज आनंदी ग्रीन्स भारत में नंबर वन है। कोविड आने के बाद लोगों में गार्डनिंग और टैरेस फार्मिंग के प्रति जागरूकता बढ़ गयी। जिस कारण आनंदी ग्रीन्स जैसे कई व्यवसाय आ गए लेकिन कोई भी मार्केट में नहीं टिक पाया और अब सबसे आगे आनंदी ग्रीन्स ही है।  

पहले ऑफलाइन, फिर ऑनलाइन भी आया आनंदी ग्रीन्स 

आनंदी ग्रीन्स की शुरुआत ऑफलाइन ही हुई और एक साल ऑफलाइन ही काम किया लेकिन सिर्फ ऑफलाइन रहकर ज्यादा लोगों तक नहीं पहुँचा जा सकता था। इसलिए अजीत अपने बिज़नेस को ऑनलाइन भी लेकर गए। ऑफलाइन से शुरू होकर आज आनंदी ग्रीन्स अमेज़न, फ्लिपकार्ट और मीशो जैसी साइट्स पर भी उपलब्ध है। अब तो यह डी मार्ट के ऑनलाइन स्टोर पर भी उपलब्ध है।  

वन टू वन होता है कस्टमर्स की समस्याओं का समाधान, इसीलिए लोगों की पसंद 

खरीदी करने के बाद यदि किसी भी कस्टमर को कोई समस्या आती है तो उन कस्टमर्स की समस्याओं को जल्द से जल्द और कस्टमर से वन टू वन जुड़कर समाधान किया जाता है। सिर्फ इतना ही आनंदी ग्रीन्स के हर प्रोडक्ट पर एक क्यूआर कोड लगा होता है जिसे स्कैन करके कस्टमर आनंदी ग्रीन्स के यूट्यूब चैनल पर जा सकता है। जहाँ उस प्रोडक्ट को कैसे, कब और कहाँ उपयोग करना है सभी तरह की जानकारी उपलब्ध होती है।

इसके अलावा आनंदी ग्रीन्स कस्टमर्स से व्हाट्सप्प के माध्यम से जुड़कर उन्हें हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराता हैं। आनंदी ग्रीन्स की इन्हीं ख़ास सेवाओं की वजह से अमेज़न पर 4.3 की रेटिंग्स हैं और 40% कस्टमर्स रेगुलर आनंदी ग्रीन्स से ही खरीदी करते हैं। 

महिला सशक्तिकरण: आनंदी ग्रीन्स की खास पहचान

आनंदी ग्रीन्स केवल हरियाली फैलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की भी सशक्त मिसाल है। यहां कार्यरत कर्मचारियों में से 80% महिलाएं हैं, और इनमें से ज्यादातर वे महिलाएं हैं, जो 40 वर्ष से अधिक उम्र की हैं, जिन्हें आमतौर पर अन्य जगहों पर काम नहीं दिया जाता।

अजीत चौधरी जी का मानना है कि महिलाएं समाज की असली शक्ति हैं, जिनमें धैर्य, मेहनत और ईमानदारी का अद्भुत समावेश होता है। महिलाओं को काम देकर न केवल आनंदी ग्रीन्स को समर्पित और कुशल कार्यबल मिला है, बल्कि इन महिलाओं के जीवन में भी नया उजाला आया है।

यह पहल महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता देने के साथ-साथ उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान भी दिलाती है। यह सोच आनंदी ग्रीन्स को एक सामाजिक जिम्मेदारी निभाने वाले ब्रांड के रूप में स्थापित करती है

इंडिया से बाहर एक्सपोर्ट होने लगे प्रोडक्ट्स 

आनंदी ग्रीन्स के कुछ प्रोडक्ट्स यूएस और फ्रांस गए है, जहाँ से उन्हें रिपीट ऑर्डर्स भी आये हैं। आनंदी ग्रीन्स की एक टीम है जो ये देखती है कि किस देश में हमारे प्रोडक्ट्स चल सकते हैं, किस देश में अपनी क्वालिटी के दम पर खड़े हो सकते हैं। वे जल्द ही कई देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने लगेंगे।

यह भी पढ़े- अजीत चौधरी से सीखे सपनों को हकीकत में बदलना, 2 हजार रु से खड़ा किया 15 करोड़ का बिज़नेस, जानें इंडिया में नंबर वन बनने का रहस्य  

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

Leave a Comment