पानी की दुश्मन इस फसल की खेती पर सरकार ने लगाया रोक, मुफ्त में और अनुदान में मिल रहे हैं अन्य फसलों के बीज, जानिए पूरी खबर

जायद सीजन में अगर खेती करने जा रहे हैं तो आपके लिए बड़ी खबरें चलिए जानते हैं राज्य सरकार द्वारा कौन सी फसल की खेती पर रोक लगा दिया गया है-

पानी की दुश्मन फसल ना लगाएं किसान

खेती में किसानों को समय पर सिंचाई करनी पड़ती है। लेकिन कुछ फसले ऐसी होती है जो की बहुत ज्यादा पानी ग्रहण करती है। जिससे पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसको देखते हुए विभिन्न राज्य सरकार कुछ फसलों की खेती पर रोक लगा रहे हैं। जिनमें पानी की जरूरत ज्यादा पड़ती है। लेकिन आज हम जिस फसल की बात कर रहे हैं वह पानी भी अधिक लेती है। मिट्टी को बंजर भी करती है। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में साठा धान की खेती को न करने के लिए कहा है। सरकार ने इस पर रोक लगा दी है।

अगर कोई भी किसान इस फसल की खेती करता है तो उसके खिलाफ तुरंत यूपी जिला अधिकारी को सूचना देनी है। वहीं कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि साठा धान के बजाय किसान अन्य फसले लगा सकते हैं। जिसमें यूपी के कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार तोमर ने किसानों को कहा कि आप जायद सीजन में साठा धान की खेती के बजाय मक्का जैसी अन्य फसलों की खेती कर सकते हैं। जिनमें कुछ फसलों के बीज मुफ्त किट में दिए जा रहे है। चलिए आपको बताते हैं साठा धान कितनी ज्यादा नुकसानदायक है।

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साठा धान के नुकसान

साठा धान की खेती में किसानों को कई तरह के नुकसान है। जिसके बारे में कृषि विशेषज्ञ का कहना है। इस किस्म की धान को नदियों और जलाशयों का दुश्मन माना जाता है। पानी की दुश्मन कहीं जाने वाली यह फसल सिर्फ दो महीने में तैयार हो जाती है। जबकि धान की अन्य किस्म को तीन से चार महीने का समय लगता है। कम समय में तैयार होने वाली यह फसल मिट्टी को बंजर बना रही है। जिससे किसानों को आने वाले समय में भारी नुकसान हो सकता है।

यही सब देखते हुए उत्तर प्रदेश में इस सिद्धांत को लेकर प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह भूजल स्तर को तेजी से नीचे गिराती है। इसलिए एसडीएम के पास सूचना देनी है अगर कोई यह ध्यान लगाए तो।

इन फसलों के बीज अनुदान पर दिए जाएंगे

साठा धान के बजाय किसान अन्य फसलों की खेती कर सकते हैं। आपको बता दे की कृषि विभाग और उद्यान विभाग द्वारा अनुदान पर बीज किसानों को दिए जाएंगे। जिससे उनकी खरीदी पर लागत कम आएगी। जिसमें उड़द, मूंग, सब्जी, मक्का, सूरजमुखी की फसले आती है जो की साठा धान की तुलना में कम पानी लेती है। अगर पानी का स्तर गिर गया तो आने वाले समय में किसान को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।

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