Tarbuj ki kheti: तरबूज की बंपर डिमांड से किसान होते हैं मालामाल, जानिए तरबूज की खेती कब और कैसे करें

On: Friday, September 5, 2025 6:00 PM
तरबूज की खेती कैसे करें

तरबूज की खेती से तगड़ा मुनाफा कमाना है तो चलिए आपको बताते हैं तरबूज की खेती के बारे में पूरी जानकारी।

तरबूज की खेती में फायदा

किसी भी फसल का चयन किसान तभी करेंगे जब उसके होने वाले फायदे उन्हें पता हों। तरबूज की खेती के बाद किसानों को अच्छा प्रॉफिट होता है। गर्मियों में यह फसल बहुत ज्यादा डिमांड में रहती है क्योंकि यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है।

इसके अलावा और भी फायदे हैं, जैसे कि खर्चा कम, पानी कम, खाद कम लगती है। यहां तक कि छोटे किसान भी तरबूज की खेती कर सकते हैं। बस किसानों को सही जमीन, सही समय और सही बीज का चुनाव करना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं तरबूज की खेती में खर्च और कमाई।

तरबूज की खेती कैसे करें

तरबूज की खेती करने के लिए बढ़िया मिट्टी का चयन करना जरूरी है। तरबूज की खेती के लिए भुरभुरी, उपजाऊ, जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। जलवायु की बात करें तो जहां धूप अच्छी हो और दिन में तापमान 30 डिग्री से ज्यादा हो, वहां तरबूज की खेती की जा सकती है।

खेत की तैयारी के लिए गहरी जुताई करके बेड बनाएं और उन पर 60 सेंटीमीटर की दूरी में 2 से 3 बीज लगाकर बुवाई करें। बीज की बुवाई से पहले उसका उपचार करना जरूरी है, इससे कीट और रोग कम लगते हैं। सिंचाई की बात करें तो हफ्ते में एक बार पानी देना चाहिए। साथ ही खरपतवार का नियंत्रण करते रहना जरूरी है।

तरबूज की खेती का समय

तरबूज की खेती अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर की जाती है।

  • उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में किसान फरवरी से मार्च के बीच बुवाई करते हैं।
  • दक्षिणी और मध्य भारत में किसान सालभर तरबूज की खेती कर लेते हैं।
  • यदि किसान चाहते हैं कि मंडी में ज्यादा भाव मिले तो दिसंबर में बुवाई करें। इससे मार्च के आखिरी या अप्रैल की शुरुआत में फसल बाजार में पहुंच जाती है।
  • उत्तर, पूर्वी और पश्चिमी भारत के किसान नवंबर से जनवरी के बीच तरबूज की खेती करेंगे तो उन्हें अच्छा फायदा होगा।

तरबूज की फसल के लिए खाद

अगर किसान व्यावसायिक तौर पर बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं तो उन्हें समय पर और सही तरीके से खाद देना चाहिए, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों अच्छे मिलें। तरबूज की फसल के लिए गोबर की खाद जरूर डालनी चाहिए। एक एकड़ में 10 से 15 टन गोबर की खाद डाली जा सकती है। अगर पिछली फसल में बहुत ज्यादा गोबर की खाद दी गई थी तो इसकी मात्रा कम भी रख सकते हैं।

रासायनिक खाद की बात करें तो डीएपी, पोटाश, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, मैग्नीशियम सल्फेट और सागरिका जैसे उर्वरक बेसल डोज में डाल सकते हैं। खेत की तैयारी के समय खाद डालें, फिर बुवाई के एक सप्ताह बाद ड्रिप के जरिए खाद दें। फूल आने की अवस्था में भी खाद डालना जरूरी है। इससे फसल बहुत बढ़िया मिलती है।

तरबूज की खेती में खर्च और मुनाफा

तरबूज की फसल अगर किसान समय पर मंडी में पहुंचा दें और उसकी गुणवत्ता व स्वाद अच्छे हों, तो उन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिलता है। तरबूज की खेती से किसान 1 एकड़ में 3 लाख रुपए से भी अधिक की कमाई कर सकते हैं। वहीं, खर्चा 20 हजार से 80 हजार रुपए तक आता है। खर्च खेत की तैयारी, बेड बनाना, मल्चिंग लगाना, अच्छा बीज लाना और खाद डालने पर आता है।

तरबूज का बाजार भाव 10 से 25 रुपए प्रति किलो तक आसानी से मिल जाता है। मान लीजिए अगर किसान को 15 रुपए प्रति किलो का भाव भी मिलता है तो लगभग 200 क्विंटल उत्पादन पर करीब 2 लाख रुपए की कमाई हो सकती है।

तरबूज की खेती करने के लिए किसानों के पास कई कारण है जैसे कि गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने वाला यह मीठा फल होता है। जिसमें विटामिन ए सी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह कम कैलोरी वाला फल होता है वजन घटाने में सहायक होता है, दिल के लिए भी अच्छा होता है, इसलिए इसकी खेती व्यावसायिक तौर पर या फिर अपने सेवन के लिए भी कर सकते हैं।

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