लौकी के पौधे से स्वस्थ लौकी पाने के लिए उसकी देखभाल और सही खाद देना बहुत जरुरी काम होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है पौधे की देखरेख कैसे करनी चाहिए।
लौकी के पौधे की ऐसे करें देखभाल
अक्सर लौकी के पौधे में फूल तो अधिक मात्रा में आते है लेकिन पोषक तत्व की कमी से सही से फल बन नहीं पाते है इसलिए लौकी के पौधे के गमले में लगे सभी खरपतवार को हटाना चाहिए और कैंची की मदद से नीचे की डैमेज पत्तियों काट के अलग कर देना है इससे स्टम्प से ओवरलोड हट जायेगा और खुरपी की मदद से मिट्टी की अच्छी गुड़ाई कर देनी है जिससे जड़ों में हवा और प्रकाश जायेगा, जड़ों का विकास होगा और जेड मजबूत होगी। ऐसा करने से पौधा अपनी सारी एनर्जी को फलों की ग्रोथ में लगाएगा जिससे लौकी स्वस्थ और लंबी लगेगी। आज हम आपको लौकी के पौधे के लिए कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे है जो पौधे को भरपूर पोषण देती है। इनका इस्तेमाल पौधे में जरूर करना चाहिए। जिससे बेल अनगिनत लौकी से लद जाएगी।

लौकी के पौधे में डालें ये चीज
लौकी के पौधे में डालने के लिए हम आपको वर्मीकम्पोस्ट, चाय पत्ती, नीम खली, लकड़ी की राख, एप्सम सॉल्ट के बारे में बता रहे है। वर्मीकम्पोस्ट मिट्टी को उपजाऊ बनाने और पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करती है। चाय पत्ती पौधे के लिए एक प्राकृतिक और जैविक खाद का काम करती है चाय पत्ती में भरपूर मात्रा में नाइट्रोजन पोटेशियम, मेग्नेशियम के गुण होते है जो पौधे को अधिक पोषण देते है और लौकी की ग्रोथ को बढ़ाते है नीम खली पौधे में एक कीटनाशक का काम करती है। ये पौधे को विभिन्न रोगों और कीटों से मुक्त रखती है लकड़ी की राख में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और सल्फर जैसे पोषक तत्व होते है जो पौधे के लिए महत्वपूर्ण होते है। लौकी के पौधे में एप्सम सॉल्ट का उपयोग करने से फूल और फल अधिक मात्रा में आते है एप्सम सॉल्ट पौधे को फॉस्फोरस और नाइट्रोजन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को बेहतर ढंग से अवशोषित करने में मदद करता है।
कैसे करें उपयोग
लौकी के पौधे में वर्मीकम्पोस्ट, चाय पत्ती, नीम खली, लकड़ी की राख, एप्सम सॉल्ट का उपयोग बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी साबित होता है इनका उपयोग करने के लिए एक बर्तन में 2 मुट्टी वर्मीकम्पोस्ट, 2 चम्मच चाय पत्ती, एक मुट्ठी नीम खली पाउडर, एक मुट्ठी राख और एक चम्मच एप्सम सॉल्ट को मिक्स करके लौकी के पौधे की मिट्टी में डालना है ऐसा करने से पौधे को महत्वूर्ण पोषक तत्व मिलेंगे जिससे बेल में अधिक लंबी लंबी लौकियां आएंगी।