धान की खेती में धान के उत्पादन को बढ़ाने के लिए खास देखभाल और कुछ जरुरी काम करना होता है। तो आइये इस आर्टिकल के माध्यम से बेहतर उत्पादन के लिए अचूक उपाय के बारे में विस्तार से जानते है।
धान की पैदावार बढ़ाने के अचूक उपाय
धान की खेती भारत देश में बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है इसकी खेती में अच्छी पैदावार के लिए उचित खाद प्रबंधन, खरपतवार, कीट, रोग नियंत्रण और दीमक से बचाव के लिए रोकथाम के उपाय करना सबसे महत्वपूर्ण काम होते है। ये सभी काम अगर किसान सही से कर लेते है तो ने केवल धान की उपज अधिक प्राप्त होती है बल्कि धान की गुणवत्ता भी बढ़ती है जिससे बाजार में चावल के दाम अच्छे मिलते है।
धान की खेती में खरपतवार
धान की खेती में खरपतवारों का नियंत्रण एक सबसे महत्वपूर्ण काम है जो उपज को प्रभावित करते है। खरपतवार धान के पौधों के साथ पोषक तत्वों, पानी और सूरज की रोशनी के लिए प्रतिस्पर्धा करते है जिससे धान की गुणवत्ता समेत उपज कम हो जाती है। इसकी खेती में विभिन्न प्रकार के खरपतवार पाए जाते है जिन्हे निराई-गुड़ाई से या खरपतवारनाशकों का इस्तेमाल करके खेत से खरपतवार खत्म किये जा सकते है। खरपतवारनाशकों का उपयोग करते समय उचित मात्रा का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा खेत में 10 सेमी तक पानी भरने से अधिकांश खरपतवारों का अंकुरण रुक जाता है।

कीट-रोग के नियंत्रण
धान की खेती में कीट और रोग के नियंत्रण के लिए समय पर रोकथाम के उपाय करना बेहद जरुरी काम होता है क्योकि कीट और रोग दोनों ही पौधों में तेजी से फैलते है धान की खेती में तना छेदक, पत्ती लपेटक, हरा फुदका, भूरा फुदका, और गंधी बग जैसे कई कीट लगने का खतरा होता है ये कीट तने पत्तियों को खा जाते है और कुछ पत्तियों के रस को चूस जाते है जिससे पत्तियां सफेद पीली और झुलसी हुई दिखाई देती है ये कीट धान की उपज को कम कर देते है इसलिए इन्हे खत्म करने के लिए समय पर कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए और जो पत्तियों या दानों में कीट लगे हो उन्हें तोड़कर खेत से दूर नष्ट कर के फेंक देना चाहिए .
दीमक से बचाव
धान की फसल में दीमक एक गंभीर समस्या है जो फसल को काफी नुकसान पहुंचाती है और उत्पादन में गिरावट करती है अगर फसल में दीमक दिख रही है तो तुरंत रोकथाम के उपाय करना चाहिए और बुवाई से पहले दीमक प्रभावित क्षेत्र में नीम की खली डालना चाहिए दीमक से बचाव के लिए जैविक और रासायनिक दोनों तरह के कीटनाशक का उपयोग कर सकते है. लेकिन अगर जैविक इस्तेमाल कर रहे है तो रासायनिक का उपयोग न करें और अगर रासायनिक का उपयोग कर रहे है तो जैविक का उपयोग न करें.