Success Story: गोबर के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, 50 लाख रु सालाना हो रही कमाई, जानिए काव्या ढोबले की सफलता की कहानी।
गोबर से बदल गई महिला की जिंदगी
गोबर से लाखों करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं ऐसा बहुत कम लोग सोचते हैं। लेकिन आपको बता दे कि कई लोग गोबर को सोना बनाकर बेच रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन केमिकल वाली खाद किसानों के लिए नुकसानदायक होती है। सेहत के साथ-साथ खेत की मिट्टी को भी खराब कर रही है। इसलिए अब किसान जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं और वही जैविक खाद महिला किसान काव्या ढोबले की जिंदगी बदल दी। यह महिला पुणे महाराष्ट्र के रहने वाली है और अपनी सरकारी नौकरी को छोड़कर गोबर से जुड़ा व्यवसाय कर रही है। गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बना रही हैं चलिए आपको बताते हैं इन्होंने कैसे शुरुआत की।
मुट्ठी भर जमीन से की थी शुरुआत
आने वाले समय में जैविक खाद की डिमांड और ज्यादा बढ़ने वाली है। जैविक खाद का व्यवसाय करने वाले आसमान छूने वाले हैं। ऐसा महिला किसान काव्या ने साबित कर दिया है। आपको बता दे कि उन्होंने एक छोटे से बेड से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का व्यवसाय शुरू किया था। लेकिन आज वह एक एकड़ में यह खाद बना रही है। उनका वर्मी कंपोस्ट का प्लांट लगभग एक एकड़ में फैला हुआ है। इनका कहना है कि यह इस व्यवसाय को आगे और बढ़ाएंगी, इसे एग्रो टूरिज्म बना देंगी। चलिए आपको बताते हैं यह कितना उत्पादन हर महीने कर रही है।
गोबर के साथ केंचुआ की भी बिक्री करती है
वर्मीकंपोस्ट खाद केंचुए की मदद से बनाए जाते हैं। केंचुआ एक समय के बाद बढ़ जाते हैं जिन्हें यह बेंच देती हैं। जिससे अन्य किसान भी वर्मी कंपोस्ट खाद का व्यवसाय कर सकते हैं। आपको बता दे कि यह केंचुए से ही 1.5 लाख रुपए महीना कमा लेती है। वही खाद की बात करें तो 20 टन हर महीने वर्मी कंपोस्ट खाद का उत्पादन करती हैं। यह वर्मी कंपोस्ट खाद ₹10 की किलो जाता है। जिससे 20 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। बीते साल में 25 लाख रुपए इन्हें इससे टर्नओवर मिला था। लेकिन इस साल 50 लाख का टर्नओवर लेने वाली है। इस तरह आप देख सकते हैं वर्मी कंपोस्ट खाद की मांग कितनी ज्यादा है और कीमत कम होने से धड़ाधड़ बिक्री हो जाती है।