इस लेख में आपको गरमा फसलों के बीजों पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दी गई है, ताकि किसान खेती की लागत कम कर सकें-
गरमा फसलों की खेती
किसान मई-जून के दौरान गरमा फसलों की खेती करते हैं। गरमा फसलें रबी और खरीफ सीजन के बीच की फसलें हैं, जिन पर सरकार सब्सिडी दे रही है ताकि किसान गर्मियों में कम लागत में खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकें, जिसमें आपको फसलों के नाम और उन पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे पता चल जाएगा कि 1 किलो बीज की कीमत कितनी होगी, उसी के हिसाब से आप बीज की कीमत भी जान सकते हैं।
गरमा फसलों के बीज पर सब्सिडी
दरअसल, बिहार सरकार की ओर से गरमा फसलों के बीज पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें मूंग, उड़द, मक्का, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, सूरजमुखी हाइब्रिड, मूंगफली और तिल के बीज पर सब्सिडी दी जा रही है. यहां किसानों को 50 से 80% तक सब्सिडी दी जा रही है, तो आइए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार सब्सिडी के बारे में जानते हैं.
- किसानों को 50% सब्सिडी के बाद स्वीट कॉर्न के बीज मात्र ₹1500 प्रति किलो मिलेंगे. स्वीट कॉर्न की कीमत ₹2712 से ₹3000 प्रति किलो है जिस पर 50% सब्सिडी दी जा रही है.
- बेबी कॉर्न की बात करें तो इसके बीज पर भी 50% सब्सिडी दी जा रही है. अगर कीमत 782 से 950 रुपये प्रति किलो है तो किसानों को यह आधे दाम पर मिलेगा.
- इसके अलावा सूरजमुखी के बीज पर भी 80% की सब्सिडी दी जा रही है, यानी 519 रुपये की छूट पर बीज खरीदे जा सकते हैं.

- तिल के बीज की बात करें तो 80% सब्सिडी के बाद किसानों को तिल के बीज के लिए सिर्फ 36 रुपये प्रति किलो चुकाने होंगे क्योंकि तिल के बीजों की कीमत 240 रुपये प्रति किलो है और इस पर 204 रुपये की छूट दी जा रही है.
- मूंगफली के बीज की बात करें तो यह किसानों को 80% सब्सिडी के बाद मिलेगा.
- उड़द के बीज पर भी 80% सब्सिडी मिल रही है. उड़द के बीज की कीमत 175 रुपये है. इस पर आपको 144 रुपये की छूट मिलेगी। इसके बाद कीमत बहुत कम हो जाएगी.
- मूंग के दाम पर भी 80% की छूट मिल रही है. इसकी कीमत 149 रुपये है लेकिन आपको 117 रुपये की छूट मिलेगी इसके बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कीमत कितनी कम होगी।
कैसे मिलेगा फायदा?
अगर किसान इन बीजों पर सब्सिडी लेते हैं तो उन्हें कीमत का सिर्फ 20% या 50% ही जमा करना होगा. इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा। बिहार राज्य बीज निगम के पोर्टल पर जाकर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद किसानों के फोन नंबर पर डिमांड नंबर आएगा। किसानों को इसे विक्रेता को दिखाना होगा और फिर बायोमेट्रिक्स के जरिए किसानों को सब्सिडी के आधार पर बची हुई राशि जमा करनी होगी। इससे खर्च कम होगा। गरमा फसलों की खेती में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे अधिक तापमान, बार-बार सिंचाई, कीटों की भी समस्या होती है।