ट्रैक्टर की मदद से किसान कई काम करते है। चलिए आपको बताते है सरकार किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए कितनी आर्थिक मदद दे रही है-
ट्रैक्टर पर अनुदान
ट्रैक्टर को प्रमुख कृषि यंत्र में गिना जाता है। यह कृषि यंत्र हर एक किसान की जरूरत है। इस लिए सरकार भी चाहती है कि किसान यह कृषी जरूर खरीदें। जिसके लिए सरकार भारी आर्थिक मदद कर रही है। बता दे कि केंद्र के आलावा राज्य सरकारें भी किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों पर अनुदान दे रही है। यह अनुदान राज्यों के अनुसार भिन्न होता है। तब चलिए नीचे प्रमुख राज्यों में दी जाने वाली ट्रैक्टर सब्सिडी योजनाओं के बारें में जानते है-
- असम- यहाँ के किसानों को मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य उन्नयन योजना के तहत ट्रैक्टर खरीदने पर 70% तक की सब्सिडी मिलती है। जिससे ट्रैक्टर की कीमत सिर्फ 30 फीसदी ही किसान को चुकानी पड़ेगी।
- राजस्थान- यहाँ पर भी किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य खेती के उपकरणों की खरीद पर 50% तक की सब्सिडी दी जाती है। इसमें ट्रैक्टर के अलावा रोटावेटर, सीड ड्रिल, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, चिजल प्लाऊ के साथ-साथ डिस्क हैरो आदि कृषि यंत्र भी शामिल हैं। जिन्हे किसान कम लागत में खरीद कर आय में वृद्धि कर सकते है।
- मध्य प्रदेश- मैक्रो मैनेजमेंट स्कीम के तहत छोटे किसानों को 20% से 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
यह योजना केंद्र सरकार के सहयोग से चलाई जाती है। जिससे किसानों को खेती में मदद हो जाती है।
- उत्तर प्रदेश- यहाँ के किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर कुल लागत का 25% या अधिकतम ₹45,000 तक का अनुदान दिया जाता है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कुछ जिलों में 20 HP तक के ट्रैक्टर पर ₹1,00,000 तक की सब्सिडी किसानों को मिल जाती है। जिससे लाखो की बचत हो जाती है।
सरकार का उद्देश्य
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानें ट्रैक्टर पर सब्सिडी देने के पीछे सरकार का उद्देश्य –
- सरकार चाहती है कि छोटे और मध्यम किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर पाएं।
- खेती में मशीनों के उपयोग को बढ़ावा सरकार दे रही है, ताकि उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।
- किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत हो और कृषि कार्य आसान हो जाए। जिससे किसान खेती के काम आसानी से कर सके।
इस तरह केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों पर अनुदान देकर खेती को अधिक उन्नत और उत्पादक बनाने का प्रयास कर रही हैं। इच्छुक किसान अपने राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट या संबंधित कार्यालय से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ताकि कम लागत में यह कृषि यंत्र लेकर खेती से अधिक कमाई कर सके।