गर्मी तिल की खेती है शानदार विकल्प, सरकार दे रही है बीज पर 80% तक सब्सिडी, जिससे कम खर्च में हो जाएगी तिल की खेती-
तिल की खेती
किसान गर्मी में भी कर सकते हैं तिल की खेती, तिल की खेती करना है फायदेमंद, इसीलिए सरकार भी तिल की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है। कई राज्य सरकारें तिल की खेती पर सब्सिडी दे रही हैं, जिसके बारे में आपको यहां जानकारी दी जाएगी. केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और तिलहन मिशन योजना भी चला रही है, जिसके तहत तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसकी खेती के लिए बीज, खाद, पानी और कीटनाशकों के साथ कृषि उपकरणों पर भी सब्सिडी दी जा रही है, ताकि किसान गर्मी में तिलहन फसलों की खेती कर अच्छी कमाई कर सकें।
तिल की खेती में पानी की कम जरूरत होती है, गर्मी में आराम से खेती की जा सकती है. जुलाई में ज़्यादातर किसान तिल की खेती करते हैं, अगर बारिश हो जाती है तो इसे सिंचाई करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। तिल की जड़ें भी गहरी जाती हैं, जिससे उन्हें नमी मिलती है। इसे सूखा सहनशील फसल भी माना जाता है, इसीलिए लोग इसे गर्मियों में चुनते हैं।
तिल की खेती पर सब्सिडी
तिल की खेती पर सब्सिडी दी जा रही है, जिससे कम लागत में तिल की खेती हो सकेगी. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों को तिल के बीज पर सब्सिडी मिल रही है. बिहार में तिल की खेती के लिए 80% सब्सिडी दी जा रही है. दरअसल, यहां तिल के बीज पर सब्सिडी दी जाती हैं। अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो अमेठी में दो तरह के बीजों पर सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें 10 साल से कम क्वालिटी वाले बीजों पर आपको 30% तक सब्सिडी मिल सकती है, जबकि 10 साल से ज़्यादा क्वालिटी वाले बीजों पर यहां 40 से 50% सब्सिडी दी जा रही है।

इसके अलावा अगर तिल की खेती में थ्रेशर, पावर वीडर जैसे कृषि उपकरण का इस्तेमाल होता है तो आप इसे भी खरीद सकते हैं, इसमें 60% तक सब्सिडी भी दी जा रही है, किसान के वर्ग के हिसाब से यहां सब्सिडी दी जा रही है।
तिल की MSP
तिल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदती है जिससे किसानों को अच्छा दाम मिलता है, उचित मूल्य मिलता है, आपको बता दें कि 2023-24 में सफेद तिल का MSP 8635 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया, वहीं 2024-25 के लिए यह 9,267 रुपये प्रति क्विंटल था। सफेद तिल की खेती कर सकते है, इसकी मांग है, कई तरह के खाद्य में अब इसका इस्तेमाल बढ़ गया है।
सब्सिडी पाने के लिए किसान भाई कृषि विभाग के कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र केवीके से संपर्क करें, इस संबंध में जानकारी कृषि विभाग के अधिकारियों से मिल जाएगी। यहां किसानों को सब्सिडी के साथ खेती की जानकारी भी मिलती है।