Subsidy on pesticides: फलों की फसल को कीटों से बचाए, पेस्टिसाइड के लिए सरकार दे रही है 2150 रुपए, जानिए क्या है पौधा संरक्षण विभाग की योजना

किसान भाई अगर फलों की खेती करते हैं तो आपको बता दे की पेस्टिसाइड के लिए सरकार से 50 से लेकर 75% तक अनुदान मिल रहा है-

फलों की फसल में कीटों का आक्रमण

फलों की खेती में कई तरह की कीटों का आक्रमण किसानों को देखने को मिलता है। जिससे फसल को बचाने के लिए उन्हें समय पर पेस्टिसाइड का छिड़काव करना पड़ता है। जिससे किसानों को खर्चा अधिक बढ़ जाता है, फलों की खेती में होने वाले मुनाफे देखते हुए सरकार इसकी खेती के लिए सब्सिडी भी देती है। लेकिन यहां पर आज बात कर रहे हैं पेस्टिसाइड के छिड़काव पर सब्सिडी के बारे में, जिसमें 50 से लेकर 75% तक किसानों को लाभ मिलता है। जिससे पेस्टिसाइड का खर्च आधे से भी कम हो जाता है।

पेस्टिसाइड पर सब्सिडी

पेस्टिसाइड जिसे हिंदी में कीटनाशक कहा जाता है। इसका इस्तेमाल हानिकारक कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जिसमें बिहार राज्य सरकार की तरफ से फलों की खेती करने वाले किसानों को पेस्टिसाइड पर अनुदान मिल रहा है। जिसमें केला, पपीता, आम और लीची जैसे फलों के पेड़ों पर पेस्टिसाइड का छिड़काव करने के लिए 50 से 75% तक अनुदान दिया जा रहा है।

जिसमें आपको बता दे कि अगर पपीता की खेती की है तो उसमें किसानों को 50% अनुदान मिलेगा, जिसमें 2150 रुपए की राशि सब्सिडी के तौर पर मिलेंगे। दरअसल पपीता की फसल में एक एकड़ में 4300 का खर्च आ रहा है। जिसका आधा खर्च सरकार उठा लेगी। जिससे किसानों को बहुत ज्यादा आर्थिक मदद मिल जाएगी।

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योजना का लाभ कैसे मिलेगा

योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाई को आवेदन करना होगा। जिसके लिए यहां पर https://horticulture.bihar.gov.in/ आधिकारिक वेबसाइट दी गई है। आपको बता दे की पौध संरक्षण विभाग द्वारा किसानों को इस वित्तीय वर्ष पौधा संरक्षण इकाई के अंतर्गत केला, पपीता जैसे फलों की फसल में पेस्टिसाइड का छिड़काव के लिए अनुदान दिया जा रहा है। किसान इस वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर लेंगे और फिर सत्यापन होगा।

जिसके बाद संबंधित सेवा प्रदाता को यह आवेदन फॉरवर्ड कर दिया जाएगा। फिर सेवा प्रदाता किसानों के खेतों में जाएंगे और फसल पर कीटनाशक का छिड़काव समय पर कर सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य फलों की खेती में किसानों को नुकसान से बचाना है, कीटों के आक्रमण से समय पर बचा सके इसके लिए उन्हें आर्थिक मदद देना है।

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