मल्चिंग तकनीक क्या है, इससे किसानों को क्या फायदा होगा, राज्य सरकार कितनी सब्सिडी दे रही है, आइए जानते हैं ये सब-
मल्चिंग तकनीक के फायदे
खेती को आसान, सुविधाजनक बनाने और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कई तरह की नई तकनीक विकसित की गई हैं, जिसमें आज हम मल्चिंग तकनीक के बारे में बात कर रहे हैं, मल्चिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें जमीन पर किसी चीज की परत बिछा दी जाती है और फिर खेती की जाती है, इससे मिट्टी ढक जाती है, जिससे खरपतवार नहीं उगते, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, मिट्टी में नमी बनी रहती है।
इस विधि के कई फायदे हैं, पानी की जरूरत कम होती है और उत्पादन अधिक होता है, जिसमें किसान प्लास्टिक मल्च का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, प्लास्टिक के अलावा किसान पुआल और एग्रो टेक्सटाइल मल्च लगाकर भी खेती कर सकते हैं।

इस तस्वीर में आप जो पन्नी देख पा रहे होंगे, वह प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल किया गया है।
मल्चिंग पर सब्सिडी
मल्चिंग तकनीक किसानों के लिए फायदेमंद है, इसीलिए बिहार राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है जिसमें मल्चिंग पर 50% सब्सिडी दी जा रही है। बिहार राज्य सरकार का कहना है कि प्रति हेक्टेयर लागत करीब 40000 रुपए है जिस पर 50% सब्सिडी दी जाएगी यानी किसानों को ₹20000 दिए जाएंगे।
कैसे मिलेगा लाभ
अगर आप बिहार के किसान भाई खेत्त में मल्चिंग का इस्तेमाल करके खेती करना चाहते हैं तो आप कृषि विभाग निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर किसान मल्चिंग पर ₹1 खर्च नहीं करना चाहते हैं तो वे मल्चिंग के लिए पुआल, घास, पत्ते, लकड़ी के टुकड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इन सब में मेहनत अधिक करनी पड़ेगी।