किसान अगर फल सब्जी की खेती करना चाहते हैं तो छोटा ट्रैक्टर, पावर ट्रिलर, स्प्रे पंप तथा ड्रिप स्प्रिंकलर जैसे कृषि यंत्र सब्सिडी पर लेकर सस्ते में प्राप्त कर सकते हैं-
फल-सब्जी की खेती के लिए कृषि यंत्र
फल-सब्जी की खेती में किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा है। इसीलिए सरकार फल-सब्जी की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, और इसमें तरह-तरह की सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें हालही में मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि किसानों को कृषि यंत्रों पर भी सब्सिडी मिलेगी।
अगर किसानों के पास यह कृषि यंत्र होते हैं तो मजदूर पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। समय पर अपना काम सही तरीके से, कम खर्चे में कर पाएंगे। जिसमें आपको बता दे कि फल-सब्जी की खेती यानी की बागवानी करने के लिए छोटा ट्रैक्टर, स्प्रे पंप, ड्रिप स्प्रिंकलर, पावर टिलर जैसे कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है तो चलिए जानते हैं कितनी सब्सिडी मिलेगी, और लाभ लेने के लिए कहां आवेदन करना है, किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कई कृषि यंत्रों पर सब्सिडी जा रही है। जिसमें आपको बता दे की उद्यानिकी विभाग में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत यह सब्सिडी किसानों को दी जा रही है। जिसमें अगर 20 हॉर्स पावर का एक ट्रैक्टर खरीदने हैं तो उसमें किसानों को ₹100000 तक की सब्सिडी मिलती है।
वहीं अगर पावर टिलर लेते हैं तो उस पर किसानों को 45000 रुपए तक की सब्सिडी मिलती है। इस तरह जिस उपकरण की कीमत जितनी होगी उसके अनुसार उन्हें सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की प्रक्रिया
छोटा ट्रैक्टर लेकर किसान छोटी-संकरी जमीन तथा खेतों के बीच में जुताई आदि का काम कर सकते है। वहीं पावर ट्रिलर से मिट्टी पलट सकते है, गुड़ाई कर सकते है।
मध्य प्रदेश के किसान अगर बागवानी कर रहे हैं कृषि यंत्र लेना चाहते हैं तो वह अनुदान ले सकते हैं। जिससे कम दाम में कृषि उपकरण खरीद पाएंगे। अनुदान का लाभ लेने के लिए उन्हें आवेदन करना होगा।
आवेदन करने के लिए उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, समग्र आईडी, बैंक पासबुक का विवरण, b1 b2 की नकल आदि दस्तावेज होने चाहिए।
जिसमें बताया यह जा रहा है कि पहले तो किसानों को एमपी किसान ऐप में जाकर पंजीयन करना होगा। उसके पश्चात उद्यानिकी विभाग में या आवेदन जाता है जहां पर स्वीकृति मिलने के बाद लॉटरी निकाली जाती है, और चयनित किसानों को कृषि उपकरण पर सब्सिडी दी जाती है।
जिसमें सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में आती है। इस तरह यह एक लाभकारी योजना है, जो कृषि उपकरणों की खरीदी के लिए किसानों की आर्थिक मदद कर रही है।