MP के किसानों को हैप्पी सीडर, मल्चर सहित 8 कृषि यंत्रों पर मिल रही है 6 लाख रुपए तक की सब्सिडी, जानिए यंत्रों के नाम और कितनी मिलेगी छूट

On: Wednesday, September 3, 2025 3:00 PM
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी

MP के किसानों के लिए खुशखबरी है। कृषि यंत्रों पर फिर से आवेदन लिए जा रहे हैं। 2 सितंबर 2025 से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। चलिए कृषि यंत्रों के नाम और उन पर मिलने वाली छूट के बारे में बताते हैं।

MP में कृषि यंत्र पर सब्सिडी

मध्य प्रदेश के किसान कृषि यंत्र पर सब्सिडी लेकर खेती आसानी से और कम खर्चे में कर पाएंगे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कई कृषि यंत्रों पर 2 सितंबर 2025 से सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा। सभी किसानों को लाभ मिलेगा, बस शर्त यह है कि उन्होंने बीते 5 साल में इस योजना का लाभ न लिया हो। अलग-अलग कृषि यंत्रों पर 30% से लेकर 50% तक अनुदान दिया जा रहा है। चलिए जानते हैं इनके नाम और सब्सिडी की जानकारी।

8 कृषि यंत्रों पर 50% तक अनुदान

मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 8 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है तो चलिए नीचे लिखे 8 बिंदुओं के अनुसार उन सभी कृषि यंत्रों के बारे में जानते हैं-

1. हैप्पी सीडर पर सब्सिडी

हैप्पी सीडर एक उपयोगी कृषि यंत्र है, जो पराली जलाए बिना खेत में बुवाई करने में मदद करता है। इससे मिट्टी को फायदा होता है और पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलता। हैप्पी सीडर पर किसानों को 50% तक अनुदान मिल रहा है। जिसमें-

  • 9 टाइन हैप्पी सीडर – ₹81,400
  • 10 टाइन हैप्पी सीडर – ₹84,150
  • 11 टाइन हैप्पी सीडर – ₹86,350 तक अनुदान मिल रहा।

2. सुपर सीडर पर सब्सिडी

मध्य प्रदेश के किसानों को सुपर सीडर पर भी 50% सब्सिडी मिल रही है। इसमें अधिकतम ₹1,20,000 तक का अनुदान मिलेगा। सरकार आधी कीमत देगी और आधा किसान खुद लगाएगा। यह लाभ एससी, एसटी और सामान्य सभी वर्ग के किसानों को मिलेगा।

3. श्रेडर और मल्चर पर सब्सिडी

एमपी के किसानों को श्रेडर और मल्चर पर उसके फीट के अनुसार सब्सिडी दी जा रही है। इसमें अधिकतम ₹75,700 तक का अनुदान मिल सकता है। यह 5 फीट से 8 फीट तक के मल्चर पर लागू है।

4. जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल पर सब्सिडी

किसानों को 9 टाइन से लेकर 15 टाइन तक के जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल पर सब्सिडी दी जा रही है। इसमें 15 टाइन वाले पर ₹33,000 का अनुदान मिलेगा। इस पर 50% तक सब्सिडी मिल रही है।

5. स्मार्ट सीडर पर सब्सिडी

स्मार्ट सीडर पर किसानों को 50% अनुदान मिल रहा है। इसमें अधिकतम ₹90,200 तक का लाभ मिलेगा। इसमें 9 टाइन से लेकर 12 टाइन तक के स्मार्ट सीडर शामिल हैं।

6. स्लेशर पर सब्सिडी

स्लेशर का इस्तेमाल खरपतवार साफ करने, झाड़ियां हटाने और फसल अवशेष को नष्ट करने के लिए किया जाता है। खेत की तैयारी में यह बहुत उपयोगी है। इस पर किसानों को 50% तक अनुदान मिल रहा है। अधिकतम ₹27,500 तक का लाभ मिलेगा।

7. हे रेक और स्ट्रॉ रेक पर अनुदान

हे रेक और स्ट्रॉ रेक पर किसानों को 50% अनुदान दिया जा रहा है। इसमें अधिकतम ₹1,65,000 तक का लाभ मिल सकता है।

8. बेलर पर सब्सिडी

फसल अवशेष को बांधने के लिए किसान बेलर का उपयोग करते हैं। इस पर 50% सब्सिडी दी जा रही है।

  • मिनी बेलर (16 किलो) – 2 लाख 20 हजार रु
  • मिनी बेलर राउंड (18–20 किलो) – 6 लाख 7 हजार रु
  • बेलर राउंड (16–25 किलो) – ₹2,39,500
  • बेलर पर अधिकतम ₹6,66,000 तक का अनुदान मिल सकता है।

डिमांड ड्राफ्ट (DD)

इन योजनाओं पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन के साथ-साथ डिमांड ड्राफ्ट (DD) जमा करना होगा। अलग-अलग कृषि यंत्रों पर अलग-अलग DD राशि निर्धारित की गई है।

  • हैप्पी सीडर, सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर – ₹4,500 की DD
  • जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल – ₹3,000 की DD
  • स्लेशर – ₹2,000 की DD
  • स्ट्रॉ रेक – ₹5,000 की DD
  • बेलर – ₹15,000 की DD (क्योंकि इस पर किसानों को ₹6 लाख तक का अनुदान मिल रहा है)
  • श्रेडर और मल्चर – ₹5,500 की DD

आवेदन कहां करें?

कृषि यंत्र पर अनुदान लेने के लिए मध्य प्रदेश के किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान “ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल” पर जाकर आवेदन जमा कर सकते हैं। जिसमें आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़-

  • आधार कार्ड
  • बिजली कनेक्शन का प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जाति प्रमाण पत्र
  • बी-1 की प्रति (भूमि दस्तावेज़)

सबसे पहले किसान को पोर्टल पर पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) करना होगा, उसके बाद ही आवेदन कर सकते हैं। अगर किसान खुद आवेदन नहीं करना चाहते, तो एमपी ऑनलाइन या सीएससी सेंटर पर जाकर भी आवेदन करा सकते हैं।

किसान इस योजना के बारे में जानकारी अपने आस-पास के कृषि अभियांत्रिकी विभाग, उपसंचालक कृषि, सहायक कृषि यंत्री, या फिर किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग में जाकर भी प्राप्त कर सकते हैं। वहां पर किसानों को आवेदन की पूरी प्रक्रिया समझाई जाएगी।

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