किसानों को टमाटर-मिर्च की खेती के लिए 50% सब्सिडी दे रही सरकार, खर्च घटाएं आमदनी बढ़ाये, जानिए केंद्र सरकार की योजना

On: Thursday, September 18, 2025 3:00 PM
टमाटर और मिर्च की खेती के लिए सब्सिडी

किसानों को केंद्र सरकार की योजना के तहत टमाटर-मिर्च की खेती के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है जिससे खेती का खर्चा घटेगा लेकिन कमाई बढ़ेगी-

टमाटर-मिर्च की खेती की खेती में फायदा

टमाटर और मिर्च की खेती में किसानों को फायदा होता है। जिसमें मिर्च की खेती एक लंबी अवधि की फसल होती है। जिससे किसान कम खर्चे में वैसे भी ज्यादा की कमाई कर पाते हैं। साल भर मिर्च की डिमांड रहती है। हरी मिर्च लाल मिर्च आदि की बिक्री करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। वहीं सरकार की तरफ से अगर अनुदान मिल जाए तो और ज्यादा फायदा होगा। टमाटर की भी खेती में कई किसान की किस्मत ही बदल जाती है। एक ही सीजन में लाखों की कमाई कर लेते हैं।

जिसमें कुछ किसानों को डर रहता है कि कभी-कभी कीमत गिर जाती है लेकिन अगर सरकार से अनुदान मिल जाए तो खर्चा घर जाएगा जिससे नुकसान नहीं फायदा होगा।

टमाटर और मिर्च की खेती के लिए सब्सिडी

केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत टमाटर और मिर्च की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है. दरअसल, समस्तीपुर सहित बिहार के 26 जिलों में टमाटर और मिर्ची की कलेक्टर खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसमें बताया जा रहा है कि समस्तीपुर में वित्तीय वर्ष 2025-26 में 55 क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है। जिसमें 25 क्लस्टर में टमाटर और 30 क्लस्टर में मिर्च की खेती होगी। जिसमें किसान समूह बनाकर भी योजना का फायदा ले सकते हैं।

एक क्लस्टर में 6 हेक्टेयर की जमीन आती है और इसमें तीन किसान मिलकर खेती कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत 0.25 एकड़ से 5 एकड़ तक की खेती की जमीन वाले किसान लाभ ले सकते हैं। इस तरह समस्तीपुर में भी सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

दो किस्तों में मिलेगा पैसा

टमाटर और मिर्च की खेती में जितना भी खर्चा आएगा सरकार उसका आधा खर्च उठाएगी। जिसमें 40% सब्सिडी सीधे तौर पर दी जा रही है और 10% अतिरिक्त टॉप अप के तौर पर मिलेगा। यह पैसा किसानों को डीबीटी के द्वारा दिया जाएगा। जिससे सीधे उनके खाते में पैसा आएगा। लेकिन एक साथ नहीं दो किस्तों में। दरअसल, जब पौधा लगाएंगे और खेती के अन्य जरूरत की चीज खरीदेंगे। उस समय पहली किस्त मिलेगी। इसके बाद बहुत ही सत्यापन होगा और फिर दूसरी किस्त किसानों को मिलेगी।

इस तरह किसानों को खर्चा तो कम करना पड़ेगा लेकिन आमदनी पहले से अधिक होगी। क्योंकि इन दोनों फसलों में अच्छा मुनाफा है। बस किसानों को बढ़िया तरीके से खेती करनी होगी। फसल का निरीक्षण करते रहना चाहिए। जिससे किसी तरह का नुकसान ना हो।

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