मछली पालन से लाखों की आमदनी करना चाहते हैं तो चलिए आपको योजना के बारे में बताते हैं जिससे आर्थिक मदद मिल जाएगी और प्रशिक्षण भी-
मछली पालन मे आमदनी
मछली पालन अगर किसान प्रशिक्षण लेकर सही तक तरीके से सही तकनीक के साथ करते हैं तो लाखों रुपए की आमदनी कर सकते हैं। इसीलिए सरकार भी किसानों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है, और आर्थिक मदद भी कर रही है। जिसमें आज हम एक ऐसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें 10 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद मिल रही है। जिससे बड़े पैमाने पर भी मछली पालन किया जा सकता है राज्य सरकार द्वारा किसानों को मछली पालन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है चलिए आपको योजना के बारे में बताते हैं।
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, बिहार राज्य सरकार की योजना है। इस योजना के अंतर्गत कई तरह से किसानों को फायदे दिए जाते हैं। जैसे की एक ही योजना यह रहती है कि वह क्षेत्र जहां पर 6 महीने तक पानी रुका रहता है। ऐसे स्थान में तालाब का निर्माण करके मछली पालन कर लें। इससे पानी की अलग से व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत बांध बनाकर सब्जियों की खेती करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। जिससे दोगुनी आमदनी होगी। हमेशा पानी की व्यवस्था रहेगी तो सब्जी की खेती साल भर कर सकते हैं।
हरी सब्जियों की डिमांड बाजार में बनी ही रहती है। इस योजना के तहत तीन तरह के अनुदान मिलते हैं। पहले 8.88 लाख रुपए वाला दूसरा 7.32 लाख रुपए वाला और तीसरा 9.59 लाख रुपए वाला। वही इस योजना के तहत विशेष सहायता योजना से 10.10 लाख की यूनिट लगाने के लिए भी आर्थिक मदद की जाती है। इस योजना के अंतर्गत एसटी, एससी और एबीसी जाति वर्ग के किसानों को 70% अनुदान मिलता है। यानी कि अगर ऐसे हितग्राही है तो सिर्फ 30% लागत लगाकर मछली पालन के व्यवसाय से लाखों कमा सकते हैं।

350 किसानों को मिला प्रशिक्षण
मछली पालन में मुनाफा है, बिहार में पानी की भी बढ़िया व्यवस्था है, इसीलिए मछली पालन को सरकार प्रोत्साहित कर रही है। आपको बता दे की हाल ही में भागलपुर सदर अनुमंडल के सभी प्रखंडों के लगभग 100 मछली पालको को प्रशिक्षण मिला है। इसके अलावा मत्स्य प्रत्यक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के 350 मत्स्यपाल को प्रशिक्षण दिया गया है, और उन्हें योजनाओं के बारे में बताया गया है। जिससे किसानों को सब्सिडी जाती है। यह प्रशिक्षण तीन दिन आयोजित होते हैं। जिसमें मछली पालन से अधिक कमाई करने की जानकारी दी जाती है।
तालाब के लिए जमीन
तालाब के लिए किसानों को जमीन की आवश्यकता होगी। तालाब के लिए ज्यादा जमीन की आवश्यकता होती है। जिसमें इस योजना के अंतर्गत एक एकड़ की जमीन में तालाब बनाया जाता है। जिसमें गार्ड के लिए एक कक्ष होता है। सोलर और बोरिंग भी लगता है। इस तरह अगर पानी की व्यवस्था है तो मछली पालन कर सकते हैं। सरकार से सब्सिडी और प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।