पशुओं का गोबर हर महीने आने वाले गैस सिलेंडर के खर्च को बचा सकता है। अगर बायोगैस प्लांट लगाने के इच्छुक हैं तो सरकार की ओर से ₹3,95,000 तक की आर्थिक मदद मिल सकती है।
बायोगैस प्लांट के फायदे
अगर किसान या पशुपालक बायोगैस प्लांट लगाते हैं तो उन्हें कई फायदे होंगे, जैसे –
- ईंधन पर होने वाला खर्चा बचेगा।
- इससे प्रदूषण रहित और किफायती ईंधन मिलेगा।
- पशुओं का गोबर अब व्यर्थ नहीं जाएगा, बल्कि उसका उपयोग गैस बनाने में होगा।
- गैस बनने के बाद इसमें से निकलने वाला अवशेष जैविक खाद के रूप में खेतों में काम आएगा।
- यानी, पशुपालकों और किसानों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।

बायोगैस प्लांट पर सब्सिडी
- हरियाणा में बायोगैस प्लांट लगाने पर 40% तक सब्सिडी दी जा रही है।
- हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (HAREDA) की मदद से बायोगैस उपयोग कार्यक्रम को गांव और शहर, दोनों जगह लागू किया जा रहा है।
- राज्य में अभी तक लगभग 114 संयंत्र लग चुके हैं और आगे भी इस दिशा में काम चल रहा है।
- 25 से 50 घन मीटर क्षमता वाला संयंत्र स्थापित करने पर ₹1,27,000 से ₹3,95,000 तक की सब्सिडी मिलती है।
- इसके अलावा, बायोगैस पावर प्लांट से उत्पन्न गैस का उपयोग करके बिजली भी बनाई जा सकती है।
- 3 किलोवाट से 250 किलोवाट तक की विद्युत उत्पादन क्षमता वाले संयंत्र पर केंद्र सरकार की ओर से ₹15,000 से ₹40,000 प्रति किलोवाट तक की सब्सिडी दी जाती है।
- इससे न सिर्फ ईंधन बल्कि बिजली का भी फायदा मिलता है।
आवेदन कहां और कैसे करें?
- अगर आप बायोगैस संयंत्र लगाना चाहते हैं तो इसके लिए अपने जिले के अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
- वहां से प्रपत्र (फॉर्म) मिल जाएगा।
- योजना के तहत 6 महीने के अंदर काम पूरा करना आवश्यक है।
- इस योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाता है।
- जिनके पास गौशाला या धार्मिक संस्थान हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
- इस योजना का फायदा कोई भी व्यक्ति या संस्था उठा सकती है।