पान की खेती से बनना है मालामाल! राज्य सरकार की इस योजना से मिल रहा ₹35,250 तक का अनुदान, बढ़ाएं उत्पादन-
पान की खेती में फायदा
पान के पत्तों का इस्तेमाल सिर्फ पान मसाले के लिए ही नहीं, बल्कि पूजा-पाठ में भी होता है। औषधीय रूप से भी इसका उपयोग किया जाता है। कई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में पान के पत्तों का प्रयोग होता है। साथ ही, इसका सांस्कृतिक महत्व भी है।
पान की खेती एक पारंपरिक खेती है, जिसे कई किसान सालों से करते आ रहे हैं। इसलिए सरकार इस खेती को बढ़ावा दे रही है। यह योजना किसानों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने तथा लागत को कम करने में मदद कर रही है।
पान की खेती के लिए सब्सिडी
बिहार में पान की खेती के लिए “पान विकास योजना” चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत किसानों को ₹11,750 से लेकर ₹35,250 तक की सब्सिडी दी जा रही है।
इस योजना के तहत किसानों का चयन ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। बता दें कि 100 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक की खेती पर किसान इस अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।
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दो साल के लिए ही मंजूर है राज्य योजना मद
पान विकास योजना के तहत किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना राज्य योजना मद से दो वर्षों 2024-25 से 2025-26 के लिए स्वीकृत की गई है। इसके लिए ₹499.375 लाख रुपए की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है।
इस योजना के अंतर्गत मगही और देसी पान की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। खासकर प्रदेश के सात जिलों के किसानों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा, क्योंकि वे पहले से ही पारंपरिक रूप से पान की खेती करते आ रहे हैं और अब इस अनुदान से खेती को आधुनिक रूप दे सकेंगे। इससे उनका खर्चा, मेहनत और समय कछ हद तक कम होगा।