मधुमक्खी पालन के लिए मिल रहा सुनहरा मौका। 50% अनुदान और तीन दिन का प्रशिक्षण भी मिल रहा है, जिससे बिना नुकसान के, कम खर्चे में खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण
मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले यदि प्रशिक्षण ले लिया जाए, तो यह कार्य अच्छे से किया जा सकता है। इससे व्यवसाय में नुकसान की संभावना कम हो जाती है, और कार्य कुशलता से किया जा सकता है। आपको बता दें कि बिहार के खगड़िया जिले में मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण हेतु आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना के तहत प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुदान भी दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत 1500 मधुमक्खी बॉक्स वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वे लोग जिनके पास प्रशिक्षण प्रमाण पत्र है, वे सीधे अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिनके पास प्रमाण पत्र नहीं है, वे किसी कृषि विज्ञान केंद्र से तीन दिन का प्रशिक्षण लेकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए अनुदान
मधुमक्खी पालन के लिए कई प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है, जिसके लिए सरकार 50% तक अनुदान दे रही है। उदाहरण के लिए मधुमक्खी बॉक्स की लागत ₹4000 है, जिस पर ₹2000 का अनुदान मिलेगा। छत्ता की लागत ₹2000 है, जिस पर ₹1000 का अनुदान मिलेगा। मधु निष्कासन यंत्र और दो फूड ग्रेड कंटेनर,, प्रत्येक 30 किलो तक की कुल लागत ₹20,000 है, जिस पर ₹10,000 तक का अनुदान मिलेगा। इस प्रकार, कुल ₹13,000 तक का अनुदान प्राप्त हो सकता है, जिससे मधुमक्खी पालन का व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है।

लॉटरी के माध्यम से होगा हितग्राहियों का चयन
यदि इस योजना के अंतर्गत अनुदान लेना चाहते हैं, तो आवेदन करना होगा। जिन लाभार्थियों को पिछले तीन वर्षों में इस योजना का लाभ मिल चुका है, उन्हें इस बार लाभ नहीं मिलेगा। सभी प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाएगा। यह चयन ओटीपी आधारित ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए अपने प्रखंड या जिला उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उद्यान विभाग किसानों को इस योजना की जानकारी देगा और उद्यान निदेशालय की ओर से मधुमक्खी बॉक्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मधुमक्खी पालन के कई फायदे हैं, इसलिए सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। इस योजना में प्रशिक्षण, अनुदान और अन्य कई लाभ दिए जा रहे हैं।

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