MP के किसानों को रेशम की खेती के लिए 90% अनुदान दे रही सरकार, जानिए कैसे होती है रेशम की खेती

On: Saturday, November 8, 2025 2:08 PM
MP में रेशम उत्पादन के लिए अनुदान की योजना

MP के किसानों को रेशम की खेती के लिए 90% अनुदान दिया जा रहा हैं, जिससे सिर्फ 10% खर्चा आएगा और मुनाफा कहीं ज्यादा होगा-

रेशम की खेती कैसे होती है

रेशम की खेती कैसे करना है, इसका किसान को प्रशिक्षण भी मिल जाएगा। जिससे पूरी जानकारी उन्हें मिल जाएगी। जिसमें सामान्य तौर पर बात करें तो रेशम का उत्पादन करने के लिए सबसे पहले रेशम के कीड़ों को पाला जाता है। जिसके लिए शहतूत के पत्तों की जरूरत होती है।शहतूत के अलावा अरंडी, अर्जुन के पत्ते भी ले सकते हैं और इसके बाद कोकून बनता है जो कि लगभग महीने भर में बन जाता है। फिर इसे पानी में उबाला जाता है। जिससे वह मुलायम होता है, और फिर इसे रेशम के धागे बनते हैं।

MP में रेशम उत्पादन के लिए अनुदान की योजना

MP में रेशम उत्पादन के लिए अनुदान दिया जा रहा है जिसके लिए रेशम समृद्धि योजना चलाई जा रही है इस योजना के तहत किसानों को रेशम उत्पादन करने के लिए 75 से लेकर 90% तक अनुदान दिया जा रहा है जिसमें सामान्य वर्ग के किस 75% लेकर रेशम की खेती कर सकते हैं वहीं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के किसानों को 90% की खेती के लिए किया जा रहा है।

किसानों को क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएँ

अगर किसान रेशम समृद्धि योजना का लाभ लेकर रेशम उत्पादन में जुड़ते हैं तो उन्हें 23 रेशम उत्पादन गतिविधियों में सहायता मिलती है। जिससे रेशम उत्पादन का कार्य उनके लिए आसान हो जाएगा। यहां पर कीट पालन प्रशिक्षण बीज उत्पादन उपकरण रेशम से धागा निकालना विपणन आगे की जानकारी मिलेगी। जिससे रेशम उत्पादन की गतिविधि किसान आसानी से कर पाएंगे। बता दे की मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में रेशम का उत्पादन किया जाता है। यहां पर चार तरह के रेशम का उत्पादन किसान करते हैं। जिसमें मालाखेड़ी में पहली कोकुम मंडी स्थापित हुई, बैतूल, बालाघाट में भी रेशम का उत्पादन होता है।

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