धान की फसल तना छेदक-पत्ती मोड़क-भंवर कीट से प्रभावित हो रही है तो इसकी रोकथाम के लिए जल्द से जल्द नियंत्रण के उपाय करना बेहद जरुरी है। तो चलिए जानते है क्या उपाय है।
धान की फसल में कीट का प्रकोप
धान की खेती में अच्छे उत्पादन के लिए किसान बहुत मेहनत करते है और ये कीट फसल में लग कर किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का कार्य करते है इसलिए फसल की देखरेख करना आवश्यक होता है अगर धान के खेत संक्रमित या रोगजनक पौधे दिखते है तो बिना देर किये फसल में कीट रोग नियंत्रण के उपाय करना चाहिए। अगर आपकी धान की फसल तना छेदक-पत्ती मोड़क-भंवर जैसे कीटों के प्रकोप से जूझ रही है तो इसकी रोकथाम के लिए आज हम आपको एक ऐसे कीटनाशक के बारे में बता रहे है जो बहुत प्रभावी और असदार होता है ये कीटनाशक पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होता है।

कीट नियंत्रण के लिए अपनाएं ये उपाय
धान की फसल में लगे तना छेदक-पत्ती मोड़क-भंवर कीट को नियंत्रित करने के लिए नीम के अर्क के बारे में बता रहे है ये एक ऑर्गेनिक कीटनाशक है। जो धान की फसल और पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है इसका उपयोग करने से धान की फसल कीट मुक्त बनती है और इसके कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होते है। ये एक जैविक उत्पाद है जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है। इसके अलावा अगर आप रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहते है तो आप कारटाप हाइड्रोक्लोराइड दवा का उपयोग कर सकते है ये एक प्रणालीगत कीटनाशक है जो तना छेदक, पत्ती मोड़क और भंवर कीट जैसे कई अन्य कीटों को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होता है
कैसे करें प्रयोग
नीम का आर्क बनाने के लिए 1 किलो नीम की पत्तियों और 1 किलो नीम की गुठलियों को पीसकर 10 लीटर पानी में घोलकर 24 घंटे के लिए छोड़ देना है फिर इसमें 2 मिलीलीटर नीम के तेल और 5 लीटर पानी को मिलाकर धान की फसल में छिड़काव करना है ऐसा करने से फसल में लगे कीट खत्म हो जायेंगे इसका छिड़काव सुबह या शाम के समय करना है बेहतर नतीजों के लिए हर 7 से 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना है ऐसा करने से धान की फसल कीट मुक्त रहेगी।
इसके अलावा धान की फसल में कारटाप हाइड्रोक्लोराइड दवा का उपयोग करने के लिए उत्पाद के लेबल और लीफलेट पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़कर करना चाहिए इसे पानी में घोलकर छिड़काव किया जाता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद













