आज हम आपको सरसों की फसल के दानों में तेल की मात्रा को बढ़ाने वाली ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। सरसों की फसल की खेती भारत में बहुत बड़े स्तर पर की जाती है। अब ऐसे में सरसों के उत्पादन के लिए और इसके दानों में तेल बढ़ाने के लिए किस चीज का छिड़काव किया जाता है।आइए इसके बारे में जानते हैं।
सरसों में इन तत्वों की पूर्ति
सरसों की फसल को कुछ तत्वों की खास आवश्यकता होती है। सरसों के खेत में 2 किलो प्रति बीघा के हिसाब से सल्फर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। वही एक एकड़ के हिसाब से अगर सल्फर की बात करें तो 10 किलो सल्फर का इस्तेमाल किया जाता है। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि सल्फर का इस्तेमाल सरसों का फूल आने के बाद में उसमें दाना भी बढ़ता है साथ ही इसमें तेल की मात्रा भी बढ़ जाती है।
उर्वरकों का सही इस्तेमाल सरसों का उत्पादन अच्छा देता है। सरसों के उत्पादन में वृद्धि तभी हो सकती है जब मिट्टी के जांच के आधार पर इसका समुचित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए वही सरसों की सिंचित फसल के लिए कई क्षेत्रों में स्थिति के मुताबिक 80 से 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा अधिकांश क्षेत्रों में 75 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नत्रजन पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं। बता दे यह यह तत्व बहुत अधिक घुलनशील होता है जिसकी वजह से इसकी आधी मात्रा बुवाई के समय और आधी पहली सिंचाई पर कलिका निकलने की अवस्था में देना चाहिए।
सरसों में की फसल में इस्तेमाल किए जाने वाले जीवाणु खाद
सरसों की फसल को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है ऐसे में दो जीवाणु खाद बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पहला एजोटोबेक्टर और फास्फोरस घोलक जीवाणु यह दोनों बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें से पहले एजोटोबेक्टर जीवाणु खाद वायुमंडलीय नत्रजन को परिवर्तित करके पौधे को उपलब्ध करवाता है। वही फास्फोरस घोलक जीवाणु भूमि में अघुलनशील अवस्था में स्थित फास्फोरस को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित करके पौधे के ग्रहण करने योग्य बना देता है इसके साथ ही फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ती है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
बीज उपचार के लिए प्रत्येक जीवाणु खाद के लगभग 50-50 ग्राम मिश्रण को जरूरत के हिसाब से पानी में घोलकर एक हेक्टेयर के लिए जरूरी बीजों में छाया में मिला लेना चाहिए। औपचारिक बीज को आपको 10 मिनट तक छाया में सुख करके तुरंत बुवाई कर लेना चाहिए। इसके बाद में भूमि उपचार करना है तब आपको 4 किग्रा ऑटोमेटिक और 4 किलोग्राम फास्फोरस गोलक जीवाणु के मिश्रण को 100 से लेकर 125 किलोग्राम की गोबर की खाद में छाया में समान तौर पर मिला करके अंतिम जुताई के पूर्व खेत में बिखर देना चाहिए। इस बात का खास ध्यान रखें कि इसके बाद सिंचाई न करें।