फरवरी के महीने में आम के पेड़ में इस उर्वरक का छिड़काव करने से आम की बौर में कीट रोग लगने की समस्या नहीं रहती है और बौर झड़ती भी नहीं है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते कौन सा उर्वरक है।
आम के पेड़ पर करें इस चीज का छिड़काव
फरवरी के महीने में आम के पेड़ पर बौर आने लगती है इस समय आम के पेड़ों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है क्योकि कीट और रोग लग जाते है जो आम की फसल में बंपर उत्पादन में गिरावट लाते है जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होता है इसलिए आम के बाग में पेड़ों की देखभाल करते रहना चाहिए और कीट रोग के प्रकोप से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे है जो आम की बौर को न केवल कीट रोग से बचाती है बल्कि आम की बौर झड़ने की समस्या को भी खत्म करती है जिससे आम की पैदावार बहुत जबरदस्त होती है। तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।
बौर झड़ने की समस्या होगी खत्म
आम के पेड़ पर कीट रोग से बचाव और बौर झड़ने की समस्या को खत्म करने के लिए हम आपको नेफ़थलीन एसिटिक एसिड और नीम के तेल के बारे में बता रहे है। नेफ़थलीन एसिटिक एसिड फलों की गुणवत्ता और उपज को बढ़ाता है साथ ही आम की बौर झड़ने की समस्या को भी खत्म करता है इसका इस्तेमाल करने से आम के पेड़ों में पुष्पगुच्छों का विकास बेहतर होता है और छोटे-छोटे फल गिरने की समस्या कम होती है। आम की बौर आने के समय पाउडरी मिल्ड्यू, थ्रिप्स, माहू जैसे कीट के प्रकोप को खत्म करने के लिए 0.2% कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
आम के पेड़ पर कीट रोग से बचाव और बौर झड़ने की समस्या को खत्म करने के लिए नेफ़थलीन एसिटिक एसिड का उपयोग बहुत लाभकारी और उपयोगी साबित होता है इसका उपयोग फल के विकास के शुरुआती चरण में किया जाता है। इसका छिड़काव 200 पीपीएम की मात्रा में करना चाहिए। इसके अलावा नीम के तेल का उपयोग भी कर सकते है नीम का तेल एक जैविक कीटनाशक का काम करता है।