ये घोल पालक की फसल में कीट रोग को जड़ से खत्म करने के लिए सबसे लाभकारी साबित होता है तो चलिए जानते है कौन सा घोल है।
लहलहा उठेगी पालक की फसल
पालक की खेती बहुत लाभकारी होती है लेकिन इसकी फसल में अच्छे उत्पादन के लिए फसल को कीट रोग से बचाना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है। इसकी फसल को लीफ माइनर कीट, माहु, सफेद मक्खी, थ्रिप्स, और कैटरपिलर से बचाव के लिए हम आपको एक ऐसे कीटनाशक घोल के बारे में बता रहे है जिसको आप अपने घर में ही आसानी से तैयार कर सकते है इस घोल में कई तत्व के गुण होते है जो फसल को कीटों से कोसों दूर रखते है जिससे पालक की पसल कीटमुक्त रहती है।

पालक के खेत में करें इस घोल का छिड़काव
पालक की फसल में छिड़काव के लिए हम आपको नीम के पत्ते, लहसुन और गोमूत्र से तैयार जैविक कीटनाशक घोल के बारे में बता रहे है नीम के पत्तों और लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुण होते है जो पालक की फसल में लगे कीड़ों को खत्म करने के लिए बहुत लाभकारी और असरदार साबित होते है। गोमूत्र रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में अधिक प्रभावी है और पालक की फसल को कीटों से बचाने में मदद करता है साथ ही ये मिट्टी की उर्वरता को भी प्रभावित नहीं करता है। इन तीनों चीजों से तैयार घोल का छिड़काव पालक की फसल में जरूर करना चाहिए
कैसे करें उपयोग
पालक की फसल में नीम के पत्ते, लहसुन और गोमूत्र से तैयार जैविक कीटनाशक घोल का उपयोग बहुत उपयोगी और फायदेमंद साबित होता है इसको तैयार करने के लिए 5 लीटर पानी में नीम के पत्तों को उबालना है फिर पानी को ठंडा करके छानकर उसमें लहसुन के पेस्ट और 2 लीटर गाय के गोमूत्र को डालकर अच्छे से मिलाना है फिर इस घोल का छिड़काव पालक की फसल में आसानी से कर सकते है। ऐसा करने से पालक की फसल कीट पतंगों से मुक्त रहेगी।