सोया साग की खेती से जमकर मुनाफा कमाएं, पोषक तत्वों से है भरपूर, कीमत मिलेगी तगड़ी, जानें सोया साग की खेती कैसे करें

On: Friday, March 21, 2025 3:40 PM
सोया के बीज कैसे अंकुरित होते है

सोया साग सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, इसकी खेती में मुनाफा कैसे है और सोया साग की खेती का सही तरीका क्या है इस बारें में पूरी जानकारी इस लेख में है |

सोया साग की खेती 

लोग अपने को स्वस्थ रखने के लिए हरी-पत्तेदार सब्जियां खाना पसंद करते हैं, इसलिए बाजार में हरी सब्जियों की डिमांड हमेशा होती है और खासकर हरे साग जैसे मेथी-पालक की। लेकिन अभी मेथी और पालक के अलावा एक और हरी साग की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और वो है सोया साग। सोया साग में पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। इसकी टहनियों में मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम, फाइबर जैसे भरपूर पौषक तत्व मौजूद होते हैं।

जब एक ही सब्जी में इतने फायदे मिलें, तो क्यों ना आप भी इसकी खेती करें और अपनी सेहत बनाने के साथ-साथ तगड़ा मुनाफा भी कमाएं। चिंता मत कीजिये, खेती के लिए क्या करना है?, कैसे करना है?, कब करना है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देते हैं। ये रही सोया साग की खेती की सम्पूर्ण जानकारी-

सितम्बर-अक्टूबर में बिजाई 

सोया साग (सोयाबीन के पत्ते) की खेती के लिए मध्य सितम्बर से मध्य अक्टूबर का समय एकदम सही समय है। इसकी खेती के लिए हल्की बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है और इसके पौधे बीज के माध्यम से लगाए जाते हैं। यह फसल 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान में अच्छी वृद्धि करती है यानी सोया साग की फसल हल्की ठण्ड सहन कर सकती है लेकिन, इसकी खेती करते वक्त ध्यान रखें कि इसके खेत में पानी न टिके और मिट्टी में जल निकास अच्छी तरह से होना चाहिए। साथ ही मिट्टी का पीएच 6-7.5 के बीच होना आवश्यक है। 

सोया के बीज कैसे अंकुरित होते है

सोया साग के बीजों को कई तरीकों से अंकुरित किया है लेकिन, सोया साग को उगने का सबसे विशिष्ट और आसान तरीका है सीधे खेत में बोना। इसके अलावा आप इसके बीजों को अंकुरित करके भी लगा सकते हैं। बीज अंकुरण के लिए, आप बीजों को पहले 8-10 घंटे के लिए पानी में भिगो दें, फिर उन्हें गीले कपड़े में रखकर अंकुरित कर सकते हैं या फिर मिट्टी में रखकर भी अंकुरित कर सकते हैं और यह तरीका आसान है।

बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए एक बर्तन में अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करें और भीगे हुए बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोयें।

मिट्टी में हमेशा नमी को बरक़रार रखें लेकिन, पानी जमा ना होने दें। 10 से 15 दिनों के भीतर आपके बीज अंकुरित हो जायेंगे और अंकुरित होने के बाद आप उन्हें अलग-अलग गमलों या खेत में लगा सकते हैं। 

सही तरीके से बुआई देगी ज्यादा पैदावार 

सोया साग की खेती करने के लिए जमीन की तैयारी करना बेहद जरुरी है। जमीन तैयार करने के लिए सबसे पहले जमीन की 2 से 3 बार जुताई करें, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो सके। उसके बाद खेत का समतलीकरण करना भी उतना ही जरुरी है क्योंकि, सोया साग जिस जमीन पर उगाया जा रहा है वहां पानी जमा होना फसल के लिए नुकसानदेह होता है। इनके अलावा मिट्टी में जैविक खाद जैसे सड़ी हुई गोबर या कम्पोस्ट मिलाया जाना चाहिए। 

अब बुआई करने के लिए आपको प्रति एकड़ 8-10 किलोग्राम बीज का उपयोग करना है, लेकिन यह दर मिट्टी और क्षेत्र के अनुसार बदल सकती है। बुआई करते समय ध्यान रखें कि बीजों को 5 सेंटीमीटर की गहराई पर और पंक्तियों के बीच में 25-30 सेंटीमीटर कि दोर्री पर ही बोया जाए। 

सोया साग की खेती

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खाद प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण और कीट नियंत्रण

सबसे पहले सोया साग की बुआई से पहले 50 किलोग्राम फॉस्फोरस प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालें और बुआई के समय के समय 20 किलोग्राम नाइट्रोजन और साथ ही पोटाश भी 20 किलोग्राम प्रति एकड़ दिया जाना चाहिए। सोया साग की फसल को 3-4 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसका उपाय भी समय के साथ करते रहें। इसके अलावा दूसरी बड़ी समस्या होती है खरपतवार का नियंत्रण। इसके लिए आप खरपतवार नाशकों का उपयोग सावधानी पूर्वक कर सकते हैं और यदि इसका निपटान बुआई से पहले ही कर लिया जाए तो सबसे उचित होता है। ये समस्याएं सुलझाने के बाद भी समस्याएं खत्म नहीं होती, अब समस्या बचती है कीट नियंत्रण और रोग नियंत्रण की।

खैर समस्या इतनी बड़ी भी नहीं है, इसका समाधान आप धानुका जैपेक और ईएम-1 जैसे कीटनाशकों का उपयोग करके कर सकते हैं। उसी तरह सोया साग में फ्यूजेरियम विल्ट और डाउनी मिल्ड्यू जैसे रोगों को दूर करने के लिए फफूंदनाशकों का उपयोग करें। साथ ही कृषि विशेषज्ञ की सलाह लें।

किस्में बहुत ज्यादा नहीं, कई बार कटाई करके कमाएं तगड़ा मुनाफा 

सोया साग की विशेष किस्में नहीं होती हैं, लेकिन सोयाबीन की कुछ किस्में जैसे पीबी 1, पीबी 2 और जे एस 335 का उपयोग किया जा सकता है। सोया साग की औसतन उपज 15 क्विंन्टल प्रति हेक्टेयर तक होती है और इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी कटाई आप बुआई के मात्र 30-40 दिन बाद कर सकते हैं और यह कई बार करने वाली फसल है। जिसकी डिमांड बाजार में लगातार बढ़ रही है, यानि आप भी सोया साग की खेती करके एक अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

साथ ही हरी और पत्तेदार साग को खाकर अपने आप को चुस्त और दुरुस्त भी रख सकते हैं। जब सोया साग की खेती के इतने फायदे हो तो उसकी खेती करना तो जरुरी हो जाता है।

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