इस फसल की खेती किसानों के लिए बहुत अधिक मुनाफे वाली होती है इसकी खेती में ज्यादा मेहनत और लागत नहीं लगती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
जुलाई में करें इस फसल की बुआई
राजमा की खेती के लिए इस किस्म के बीजों का चयन करना बहुत लाभकारी साबित होता है इसकी डिमांड बाजार में बहुत ज्यादा अधिक होती है। क्योकि ये किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है। इसके दाने मोटे और हल्के पीले रंग के होते है। राजमा की ये किस्म जीवाणु झुलसा, श्यामवर्ण (एंथ्राक्नौज) और पत्तों का कोणदार धब्बा के प्रति प्रतिरोधी होती है। आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है हम बात कर रहे है राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती की ये राजमा की एक उन्नत और लोकप्रिय किस्म है।

कैसे करें खेती
अगर आप राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी और उत्पादन भी अच्छा होगा। राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती के लिए जल निकासी वाली अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है मिट्टी का PH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसकी बुआई से पहले खेत को 2-3 बार जोतकर भुरभुरा कर लेना चाहिए और समतल रखना चाहिए। आखिरी जुताई के समय मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 100-125 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इसकी खेती में पंक्तियों के बीच 30-45 सेमी और पंक्ति के भीतर पौधों के बीच 10-15 सेमी की दूरी रखनी चाहिए। बुवाई के बाद राजमा की अर्का कोमल किस्म की फसल करीब 90 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी उपज
अगर आप राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत अच्छी पैदावार देखने को मिलेगी एक हेक्टेयर में राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती करने से करीब 25-27 क्विंटल तक उत्पादन होता है आप इसकी खेती से 3 से 3.5 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। राजमा की अर्का कोमल किस्म की खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है।