अगर आप कोई ऐसी फसल लगाना चाहते हैं, जिसमें जानवरों का खतरा न रहे, लागत कम आये, लेकिन कमाई ज्यादा हो सेहत के लिए वह फायदेमंद हो तो चलिए एक ऐसी ही फसल के बारे में जानते हैं-
दक्षिण अमेरिका के सुपरफूड की खेती
देश में कई ऐसे किसान आज भी है जो पारंपरिक फसलों की खेती कर रहे हैं और सरकार भी उन फसलों के खरीदी एमएसपी पर कर रही है। जिससे उन्हें उचित कीमत मिल जाती है। लेकिन आपको बता दे की कुछ ऐसी भी फसले हैं जिनकी खेती करने पर किसानों को धान, गेहूं, चना, सरसों आदि से अधिक मुनाफा होगा। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं जबलपुर के किसानों की जो दक्षिण अमेरिका के सुपर फूड की खेती कर रहे हैं और इस खेती में उन्हें बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा है।
धान गेहूं से ज्यादा मुनाफा हो रहा है। जबकि लागत कम आ रही है। उसकी खेती में किसानों को कई फायदे हैं। दरअसल किनोवा की खेती की बात कर रहे हैं, जो की एक सुपर फूड है। चलिए जानते हैं इसे खाने से क्या फायदे होते हैं, और इसकी खेती में लागत मुनाफा कितना होता है।
किनोवा खाने के फायदे
किनोवा सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड होता है। जिससे हड्डियां मजबूत होती है। किनोवा में बढ़िया मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। किनोवा एक सुपर फूड है। इसे खाने से सेहत से जुड़े कई तरह के फायदे होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। जिससे एनीमिया नहीं होती है। दिल के लिए भी यह फायदेमंद है। क्योंकि बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसकी खेती करेंगे किसान तो उन्हें इसकी अच्छी कीमत भी मिलेगी।
छुट्टा जानवरों का खतरा नहीं
किनोवा जानवर नहीं खाते हैं। जिससे अगर छुट्टा जानवर है तो वह किनोवा की फसल नहीं खाएंगे। जिससे किसानों को नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा इसमें कीट रोग भी नहीं लगता है। जिससे कीटनाशक का पैसा भी बच जाता है, और फसल को किसी तरह की केमिकल देने की जरूरत नहीं पड़ती।

किनोवा की खेती में लागत और मुनाफा
किनोवा कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। इसीलिए तो किसान इसकी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। जबलपुर के किसान किनोवा की खेती करीब 70 एकड़ की जमीन में कर रहे हैं। शुरुआत उन्होंने तीन एकड़ से ही की थी। लेकिन इससे होने वाली कमाई को देखते हुए उन्होंने बड़े पैमाने पर किनोवा लगा रखा है। जिसमें एक एकड़ में करीब 15000 तक लगात आती है और उससे शुद्ध मुनाफा यानी की लागत हटाने के बाद भी ₹50000 की कमाई होती है। जो कि धान गेहूं जैसी फसलों से ज्यादा है।
किनोवा प्रोटीन का अच्छा श्रोत है, अगर किनोवा की खेती से उत्पादन किसानों को कम से कम 10 क्विंटल भी मिलेगा और कीमत ₹6000 क्विंटल भी जाएगी तो भी किसानों को अच्छा फायदा हो जाता है। किनोवा को भारत में भथुआ कहा जाता है।