इस लेख में आपको खेतों से जंगली जानवर दूर रखने के उपाय बताए गए हैं, जिससे परमानेंट नीलगाय, छुट्टा जानवरों से छुटकारा मिल जाएगा-
जंगली जानवरों से किसानों को नुकसान
किसानों के सामने जंगली जानवर एक बड़ी चुनौती है, जैसे-जैसे जंगल कट रहा है खेतों में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ रहा है। कई तरह के खर्च और मेहनत के साथ किसान फसल खड़ी करते हैं, और जंगली जानवर एक झटके में सब समाप्त कर देते हैं। कई प्रकार के जंगली जानवर इस समय किसानों के सामने समस्या बन कर खड़े हो गए हैं। जिसमें मुख्य तौर पर खेतों के छुट्टा जानवर और नीलगाय, जंगली सूअर अधिक किसानों को परेशान कर रहे हैं। इसीलिए आज इस लेख के जरिए आपको तीन उपाय बताने जा रहे हैं।
गेंदा फसलों का बॉडीगार्ड बनेगा
गेंदे के फूल को फसलों का बॉडीगार्ड बन सकते हैं। दरअसल, गेंदे के फूल लंबे होते हैं, अगर उन्हें खेतों में लगा दिया जाए तो अच्छे ऊंचे लंबे पेड़ जैसे हो जाते हैं, जैसे की कोई इंसान हो और अगर उन पर कपड़ा डाल दिया जाए तो रात के समय बिल्कुल लगता है कि खेत में कोई इंसान खड़ा है। ऐसे में जंगली जानवर डर कर वापस चले जाते हैं।

ये पेड़ जानवरों को खेत में घुसने नहीं देंगे
इसके अलावा खेतों के किनारे कई तरीके के पेड़ लगाने से जंगली जानवर खेत में घुस नहीं पाते। जंगली बड़े जानवरों के अलावा छोटे-मोटे जैसे कि सांप आदि खेत में नहीं घुस पाते हैं। जिसके लिए आप करौंदा लगा सकते हैं। यह सबसे अच्छा विकल्प होता है। करौंदा के फल की बिक्री करके कमाई भी कर सकते हैं, और इससे खेतों की सुरक्षा भी होगी।
इसके अलावा मेंथा, लेमनग्रास या तुलसी की खेती किनारो पर कर सकते हैं। इसकी महक से भी जंगली जानवर दूर रहते हैं और यह फसल जंगली जानवर नहीं खाते हैं।
कड़वी पत्तियां भी करेंगी मदद
कड़वी पत्तियों का इस्तेमाल करके भी जंगली जानवरों को खेतों से दूर रख सकते हैं। दरअसल, यहां पर तंबाकू और नीम की पत्तियों का घोल बनाकर खेतों के किनारो पर छिड़का जाता है। जिससे नीलगाय या सूअर खेतों में आकर उन पत्तियों को चबाते हैं तो स्वाद कड़वा होने के कारण वह वापस लौट जाते हैं। इसके अलावा छाछ में रेत और छिला हुआ प्याज घोलकर फसलों में छिड़कने से इसकी गंध से जानवर खेत के भीतर नहीं घुसते हैं वापस लौट जाते हैं। यह सब उपाय घर पर तैयार कर सकते है।