इस लेख में किसानों को मिट्टी जांच के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे आपको पता चलेगा कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और किन पोषक तत्वों की कमी है, ताकि आप उसमें खाद डालकर कम खर्च में ज्यादा उत्पादन पा सकें।
मिट्टी जांच का लाभ
अगर किसान मिट्टी की जांच कराते हैं तो उन्हें काफी फायदा होगा, इससे किसानों को ज्यादा उत्पादन मिलेगा। मिट्टी की जांच कराने पर किसानों को मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है, उन्हें पता चल जाता है कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है, कौन सी फसल के लिए मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है, जिसके लिए वे खेत में सही खाद डालेंगे, जो पोषक तत्व पहले से मौजूद हैं, वे ज्यादा मात्रा में खाद नहीं देंगे, यानी जरूरत के हिसाब से खाद देंगे, जिससे लागत कम आएगी और उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा क्योंकि पौधों को ज्यादा पोषक तत्व मिलेंगे।
आपको बता दें कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच निःशुल्क की जा रही है ताकि किसानों को एक पैसा भी खर्च न करना पड़े और उन्हें अपने खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी मिल जाए।
मिट्टी से केवल पांच पोषक तत्व प्राप्त होते हैं
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल को मिट्टी से केवल पांच प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं, बाकी 12 पोषक तत्वों की अलग से जरूरत होती है। जी हां, कुल मिलाकर फसलों को 17 प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसीलिए अगर मिट्टी की जांच कराई जाए तो आपको पता चल जाएगा कि कौन सा पोषक तत्व उर्वरक देना चाहिए जिसमें मिट्टी का नमूना लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है।

आपको बता दें कि इनमें से 12% तत्वों में बोरॉन, ऑर्गेनिक कार्बन, सल्फर, मैंगनीज, कॉपर, आयरन, विद्युत चालकता, पोटाश, फास्फोरस आदि की जांच की जाती है और फिर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाता है जिसमें मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी एक तरह से मिट्टी की कुंडली बन जाती है।
यहां मिट्टी की जांच निःशुल्क की जा रही है
समय-समय पर कृषि क्षेत्रों में मिट्टी की जांच की जाती है, जिसमें आज हम बात कर रहे हैं सुल्तानपुर की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की जहां पर मिट्टी की जांच निःशुल्क की जाती है, जिसके लिए किसानों को मिट्टी का नमूना लेकर प्रयोगशाला जाना पड़ता है। अगर अधिकारी मिट्टी का नमूना लेने किसान के घर जाते हैं तो इसमें थोड़ा पैसा खर्च करना पड़ता है, लेकिन अगर मिट्टी किसान स्वयं लेकर आए तो कोई खर्च नहीं आएगा। सुल्तानपुर जिले से 27000 से अधिक मिट्टी के नमूने एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि अधिकतर किसानों को अपने खेतों की मिट्टी के बारे में जानकारी मिल सके और वह खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें, इससे प्रदेश को भी लाभ होगा।
अधिकारी का कहना है कि जिला स्तर पर मिट्टी की जांच की जा रही है, जहां हर गांव में कार्यरत अधिकारियों की इसमें ड्यूटी लगी हुई है और जिन किसानों के खेत की मिट्टी की जांच होगी उनकी सूची भी आती है फिर ग्रामीण स्तर पर अधिकारी उनके घर जाकर उनके खेत की मिट्टी का नमूना लेकर प्रयोगशाला में ले जाते है और किसान द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके मिट्टी जांच की जानकारी दी जाती है और फिर किसान को कॉल करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है।