शरीर को एनर्जी से भर देगी ये सब्जी, इसका सेवन करेंगे बुढ़ापे में भी जवानी की तरह दौड़ेंगे, जानिए इस सब्जी का नाम और फायदे।
केर सब्जी
आज हम केर की खेती की बारे में बात करेंगे। केर का उपयोग अचार और सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। केर को बंजर खेतो में भी उगाया जा सकता है। इसकी खेती कुछ राज्यों में अभी हो रही है। सबसे ज्यादा राजस्थान में इसकी खेती देखने को मिली है।
केर के फायदे
- ये स्वाद के साथ ही शरीर की जो रोग प्रतिरोधकता भी बढ़ाती है।
- कैर के डंठल से चूर्ण भी बनता है जो कफ और खांसी में काम आता है।
- सूखे कैर फल के चूर्ण को नमक के साथ लेने पर पेट दर्द में आराम पहुंचाता है।
- केर के सेवन से हड्डियों मजबूत होती है।
- केर के सेवन से मोटापा दूर होता है।
- कोलेस्टॉल घटाने में मदद करता है।
केर की खेती
केर के पौधे को बंजर भूमि पर भी आसानी से उगाया जाता है। इसके पौधों को वर्षा ऋतु में दोनों विधियों से पौधे तैयार किये जा सकते हैं। ज़्याद सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती है और न ही ख़ास देखभाल की। पौधों को खेत में लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें और पुरानी फसल के अवशेष हटा दें। बीज और कलम दोनों से तैयार की जाती है। इसके बाद करीब एक साल बाद इसकी पौध खेत में लगाई जा सकती है। यदि कलमों से पौधे तैयार किए जा रहे हैं तो इसके लिए ग्राफ्टिंग विधि अपनाई जा सकती है।
केर के पौधे और फल कैसे दिखते है
जब केर के पौधे से पते सूखा जाते है तो एक झाड़ी जैसे दिखाई देते है। इसकी शाखाएं गहरे हरे रंग की होती हैं। जब फल कच्चे होते है तो इनका रंग हरा होता है। फल पकने के बाद लाल हो जाता है। इस पेड़ की पत्तियाँ बहुत छोटी होती हैं और ज़्यादा समय तक नहीं टिकतीं।
केर की कीमत
किसान भाई अन्य खेती में बहुत मेहनत करनी होती है और केर के पौधे में मेहनत झंझट नहीं होती है। कच्चे केर की कीमत 70 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचते हैं। जबकि सुखाने के बाद केर की कीमत 800 से 1200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं। जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है।