सितंबर में गन्ने की फसल को इस कीट से बचाएं, तुरंत करें ये कारगर उपाय कीट की नहीं होगी फसल में एंट्री, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

On: Friday, September 12, 2025 10:12 AM
सितंबर में गन्ने की फसल को इस कीट से बचाएं, तुरंत करें ये कारगर उपाय कीट की नहीं होगी फसल में एंट्री, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

गन्ने की फसल में इस कीट को जड़ से खत्म करने के लिए पौधों की देखभाल के साथ इस दवा का छिड़काव बेहद जरुरी है। तो चलिए जानते है कौन सा कीट है और रोकथाम के उपाय क्या है।

सितंबर में गन्ने की फसल को इस कीट से बचाएं

सितंबर का महीना गन्ने की फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इन दिनों बरसात में गन्ने की ग्रोथ काफी अच्छी और तेजी से होती है लेकिन बरसात में फसल में कीटों का अटैक भी बढ़ जाता है जिससे फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है इन दिनों गन्ने के तनों का विकास होता है तनों के बीच में जो बड़ होते है जिन्हे कुछ लोग आँख या गांठ भी कहते है उन गांठ पर मिलीबग कीट का झुंड अटैक करता है और चिपकर पौधों का रस चुस्त है। जिससे गन्ने की पत्तियां पीली या काली पड़ने लगती है जिससे पौधों का विकास थम जाता है और गन्ने के पौधे कमजोर हो जाते है साथ ही उपज में भारी गिरावट होती है। इसके नियंत्रण के लिए ये चीज बहुत लाभकारी होती है। इसमें मौजूद तत्व पौधों को मिलीबग से बचाते है और पौधों की ग्रोथ को बढ़ावा देते है।

इस दवा का करें छिड़काव

गन्ने की फसल को मिलीबग से बचाने के लिए हम क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी दवा के बारे में बता रहे है ये एक ऑर्गनोफॉस्फेट कीटनाशक है जो मिलीबग के साथ तना छेदक, सफेद लट, और दीमक जैसे कई अन्य कीटों से फसल को सुक्षित रखती है। इसका छिड़काव गन्ने की फसल में करने से फसल कीट मुक्त बनती है और उत्पादन जबरदस्त होता है। इसके अलावा आप इमिडाक्लोप्रिड दवा का इस्तेमाल भी कर सकते है ये भी एक नियोनिकोटिनोइड वर्ग का प्रणालीगत कीटनाशक है जो मिलीबग जैसे रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रित करता है ये पौधों की जड़ों या पत्तियों द्वारा अवशोषित होकर तने, पत्तियों पर फैलता है और पौधों को खाने या रस चूसने वाले कीटों को खत्म कर देता है।

कैसे करें प्रयोग

गन्ने की फसल को मिलीबग से बचाने के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी दवा का इस्तेमाल पानी में घोलकर स्प्रे पंप की सहायता से फसल में स्प्रे करना चाहिए इसका उपयोग उत्पाद के लेबल और लीफलेट पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़कर करना चाहिए उचित मात्रा में उपयोग करने से फायदा मिलता है ज्यादा उपयोग करने से फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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